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ई. स. १४८७मां अहमद शाहना पौत्र महमद बेगडाए अमदावादनी चोतरफ १० की. मी. परीमीतीनो कोट चणाव्यो, जेमां १२ दरवाजा अने १८९ पंचकोणी बुरजोनो समावेश थाय छे. ई. स. १५५३मां ज्यारे गुजरातना राजा बहादुर शाह भागीने दीव जता रह्या त्यारे राजा हुमायुए अमदावाद पर आंशिक कबजो कर्यो हतो. त्यार बाद अमदावाद पर मुझाफरीद लोकोनो फरीथी कबजो थई गयो हतो अने पछी मुगल राजा अकबरे अमदावादने पाछुं पोतानुं राज्य बनाव्युं. मुगलकाळ दरम्यान अमदावाद, राज्यनुं धमधमतुं औद्योगिक केन्द्र बन्युं ज्यांथी कापड युरोप मोकलातुं. मुगल राजा शाहजहांए पोतानो घणो समय अमदावादमां विताव्यो, जे दरम्यान तेणे शाहीबागमां आवेलो मोती शाही महाल बनावडाव्यो. अमदावाद १७५८ सुधी मुगलोनुं मुख्यालय रह्युं, त्यार बाद तेमणे मराठा सामे समर्पण कर्युं. मराठाकाळ दरम्यान अमदावाद तेनी चमक धीरे धीरे खोवा मांड्युं अने ते पूनाना पेश्वा अने बरोडाना गायकवाडना मतभेदनो शिकार बन्युं. अंग्रजोना शासनकाळ दरमियान अमदावाद एक मुख्य नगर बनी गयुं.
अमदावाद शेना तरीके पण जाणीतुं हतुं?
0
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
ई. स. १४८७मां अहमद शाहना पौत्र महमद बेगडाए अमदावादनी चोतरफ १० की. मी. परीमीतीनो कोट चणाव्यो, जेमां १२ दरवाजा अने १८९ पंचकोणी बुरजोनो समावेश थाय छे. ई. स. १५५३मां ज्यारे गुजरातना राजा बहादुर शाह भागीने दीव जता रह्या त्यारे राजा हुमायुए अमदावाद पर आंशिक कबजो कर्यो हतो. त्यार बाद अमदावाद पर मुझाफरीद लोकोनो फरीथी कबजो थई गयो हतो अने पछी मुगल राजा अकबरे अमदावादने पाछुं पोतानुं राज्य बनाव्युं. मुगलकाळ दरम्यान अमदावाद, राज्यनुं धमधमतुं औद्योगिक केन्द्र बन्युं ज्यांथी कापड युरोप मोकलातुं. मुगल राजा शाहजहांए पोतानो घणो समय अमदावादमां विताव्यो, जे दरम्यान तेणे शाहीबागमां आवेलो मोती शाही महाल बनावडाव्यो. अमदावाद १७५८ सुधी मुगलोनुं मुख्यालय रह्युं, त्यार बाद तेमणे मराठा सामे समर्पण कर्युं. मराठाकाळ दरम्यान अमदावाद तेनी चमक धीरे धीरे खोवा मांड्युं अने ते पूनाना पेश्वा अने बरोडाना गायकवाडना मतभेदनो शिकार बन्युं. अंग्रजोना शासनकाळ दरमियान अमदावाद एक मुख्य नगर बनी गयुं.
ज्यारे गुजरातना राजा बहादुर शाह दीव भागी गया, त्यारे कया राजाए अमदावाद पर आंशिक कबजो कर्यो हतो?
1
{ "answer_start": [ 228 ], "text": [ "हुमायुए" ] }
ई. स. १४८७मां अहमद शाहना पौत्र महमद बेगडाए अमदावादनी चोतरफ १० की. मी. परीमीतीनो कोट चणाव्यो, जेमां १२ दरवाजा अने १८९ पंचकोणी बुरजोनो समावेश थाय छे. ई. स. १५५३मां ज्यारे गुजरातना राजा बहादुर शाह भागीने दीव जता रह्या त्यारे राजा हुमायुए अमदावाद पर आंशिक कबजो कर्यो हतो. त्यार बाद अमदावाद पर मुझाफरीद लोकोनो फरीथी कबजो थई गयो हतो अने पछी मुगल राजा अकबरे अमदावादने पाछुं पोतानुं राज्य बनाव्युं. मुगलकाळ दरम्यान अमदावाद, राज्यनुं धमधमतुं औद्योगिक केन्द्र बन्युं ज्यांथी कापड युरोप मोकलातुं. मुगल राजा शाहजहांए पोतानो घणो समय अमदावादमां विताव्यो, जे दरम्यान तेणे शाहीबागमां आवेलो मोती शाही महाल बनावडाव्यो. अमदावाद १७५८ सुधी मुगलोनुं मुख्यालय रह्युं, त्यार बाद तेमणे मराठा सामे समर्पण कर्युं. मराठाकाळ दरम्यान अमदावाद तेनी चमक धीरे धीरे खोवा मांड्युं अने ते पूनाना पेश्वा अने बरोडाना गायकवाडना मतभेदनो शिकार बन्युं. अंग्रजोना शासनकाळ दरमियान अमदावाद एक मुख्य नगर बनी गयुं.
परीमीतीना कोटमां 12 दरवाजा अने केटला पंचकोणी टावर छे?
2
{ "answer_start": [ 114 ], "text": [ "१८९" ] }
ई. स. १४८७मां अहमद शाहना पौत्र महमद बेगडाए अमदावादनी चोतरफ १० की. मी. परीमीतीनो कोट चणाव्यो, जेमां १२ दरवाजा अने १८९ पंचकोणी बुरजोनो समावेश थाय छे. ई. स. १५५३मां ज्यारे गुजरातना राजा बहादुर शाह भागीने दीव जता रह्या त्यारे राजा हुमायुए अमदावाद पर आंशिक कबजो कर्यो हतो. त्यार बाद अमदावाद पर मुझाफरीद लोकोनो फरीथी कबजो थई गयो हतो अने पछी मुगल राजा अकबरे अमदावादने पाछुं पोतानुं राज्य बनाव्युं. मुगलकाळ दरम्यान अमदावाद, राज्यनुं धमधमतुं औद्योगिक केन्द्र बन्युं ज्यांथी कापड युरोप मोकलातुं. मुगल राजा शाहजहांए पोतानो घणो समय अमदावादमां विताव्यो, जे दरम्यान तेणे शाहीबागमां आवेलो मोती शाही महाल बनावडाव्यो. अमदावाद १७५८ सुधी मुगलोनुं मुख्यालय रह्युं, त्यार बाद तेमणे मराठा सामे समर्पण कर्युं. मराठाकाळ दरम्यान अमदावाद तेनी चमक धीरे धीरे खोवा मांड्युं अने ते पूनाना पेश्वा अने बरोडाना गायकवाडना मतभेदनो शिकार बन्युं. अंग्रजोना शासनकाळ दरमियान अमदावाद एक मुख्य नगर बनी गयुं.
1758 सुधी अमदावाद कोनुं मुख्य मथक रह्युं?
3
{ "answer_start": [ 616 ], "text": [ "मुगलोनुं" ] }
ई. स. १४८७मां अहमद शाहना पौत्र महमद बेगडाए अमदावादनी चोतरफ १० की. मी. परीमीतीनो कोट चणाव्यो, जेमां १२ दरवाजा अने १८९ पंचकोणी बुरजोनो समावेश थाय छे. ई. स. १५५३मां ज्यारे गुजरातना राजा बहादुर शाह भागीने दीव जता रह्या त्यारे राजा हुमायुए अमदावाद पर आंशिक कबजो कर्यो हतो. त्यार बाद अमदावाद पर मुझाफरीद लोकोनो फरीथी कबजो थई गयो हतो अने पछी मुगल राजा अकबरे अमदावादने पाछुं पोतानुं राज्य बनाव्युं. मुगलकाळ दरम्यान अमदावाद, राज्यनुं धमधमतुं औद्योगिक केन्द्र बन्युं ज्यांथी कापड युरोप मोकलातुं. मुगल राजा शाहजहांए पोतानो घणो समय अमदावादमां विताव्यो, जे दरम्यान तेणे शाहीबागमां आवेलो मोती शाही महाल बनावडाव्यो. अमदावाद १७५८ सुधी मुगलोनुं मुख्यालय रह्युं, त्यार बाद तेमणे मराठा सामे समर्पण कर्युं. मराठाकाळ दरम्यान अमदावाद तेनी चमक धीरे धीरे खोवा मांड्युं अने ते पूनाना पेश्वा अने बरोडाना गायकवाडना मतभेदनो शिकार बन्युं. अंग्रजोना शासनकाळ दरमियान अमदावाद एक मुख्य नगर बनी गयुं.
कोना शासन दरमियान अमदावाद एक मोटुं शहेर बन्युं?
4
{ "answer_start": [ 805 ], "text": [ "अंग्रजोना" ] }
ई. स. १४८७मां अहमद शाहना पौत्र महमद बेगडाए अमदावादनी चोतरफ १० की. मी. परीमीतीनो कोट चणाव्यो, जेमां १२ दरवाजा अने १८९ पंचकोणी बुरजोनो समावेश थाय छे. ई. स. १५५३मां ज्यारे गुजरातना राजा बहादुर शाह भागीने दीव जता रह्या त्यारे राजा हुमायुए अमदावाद पर आंशिक कबजो कर्यो हतो. त्यार बाद अमदावाद पर मुझाफरीद लोकोनो फरीथी कबजो थई गयो हतो अने पछी मुगल राजा अकबरे अमदावादने पाछुं पोतानुं राज्य बनाव्युं. मुगलकाळ दरम्यान अमदावाद, राज्यनुं धमधमतुं औद्योगिक केन्द्र बन्युं ज्यांथी कापड युरोप मोकलातुं. मुगल राजा शाहजहांए पोतानो घणो समय अमदावादमां विताव्यो, जे दरम्यान तेणे शाहीबागमां आवेलो मोती शाही महाल बनावडाव्यो. अमदावाद १७५८ सुधी मुगलोनुं मुख्यालय रह्युं, त्यार बाद तेमणे मराठा सामे समर्पण कर्युं. मराठाकाळ दरम्यान अमदावाद तेनी चमक धीरे धीरे खोवा मांड्युं अने ते पूनाना पेश्वा अने बरोडाना गायकवाडना मतभेदनो शिकार बन्युं. अंग्रजोना शासनकाळ दरमियान अमदावाद एक मुख्य नगर बनी गयुं.
महमद बेगडाए क्यारे अमदावादनी आसपास 10 किमीनो रस्तो कोने बनाव्यो हतो?
5
{ "answer_start": [ 7 ], "text": [ "१४८७" ] }
ई. स. १४८७मां अहमद शाहना पौत्र महमद बेगडाए अमदावादनी चोतरफ १० की. मी. परीमीतीनो कोट चणाव्यो, जेमां १२ दरवाजा अने १८९ पंचकोणी बुरजोनो समावेश थाय छे. ई. स. १५५३मां ज्यारे गुजरातना राजा बहादुर शाह भागीने दीव जता रह्या त्यारे राजा हुमायुए अमदावाद पर आंशिक कबजो कर्यो हतो. त्यार बाद अमदावाद पर मुझाफरीद लोकोनो फरीथी कबजो थई गयो हतो अने पछी मुगल राजा अकबरे अमदावादने पाछुं पोतानुं राज्य बनाव्युं. मुगलकाळ दरम्यान अमदावाद, राज्यनुं धमधमतुं औद्योगिक केन्द्र बन्युं ज्यांथी कापड युरोप मोकलातुं. मुगल राजा शाहजहांए पोतानो घणो समय अमदावादमां विताव्यो, जे दरम्यान तेणे शाहीबागमां आवेलो मोती शाही महाल बनावडाव्यो. अमदावाद १७५८ सुधी मुगलोनुं मुख्यालय रह्युं, त्यार बाद तेमणे मराठा सामे समर्पण कर्युं. मराठाकाळ दरम्यान अमदावाद तेनी चमक धीरे धीरे खोवा मांड्युं अने ते पूनाना पेश्वा अने बरोडाना गायकवाडना मतभेदनो शिकार बन्युं. अंग्रजोना शासनकाळ दरमियान अमदावाद एक मुख्य नगर बनी गयुं.
अमदावाद तेनी कई मिलो माटे "पूर्वनुं मान्चेस्टर" तरीके पण जाणीतुं हतुं?
6
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
ई. स. १४८७मां अहमद शाहना पौत्र महमद बेगडाए अमदावादनी चोतरफ १० की. मी. परीमीतीनो कोट चणाव्यो, जेमां १२ दरवाजा अने १८९ पंचकोणी बुरजोनो समावेश थाय छे. ई. स. १५५३मां ज्यारे गुजरातना राजा बहादुर शाह भागीने दीव जता रह्या त्यारे राजा हुमायुए अमदावाद पर आंशिक कबजो कर्यो हतो. त्यार बाद अमदावाद पर मुझाफरीद लोकोनो फरीथी कबजो थई गयो हतो अने पछी मुगल राजा अकबरे अमदावादने पाछुं पोतानुं राज्य बनाव्युं. मुगलकाळ दरम्यान अमदावाद, राज्यनुं धमधमतुं औद्योगिक केन्द्र बन्युं ज्यांथी कापड युरोप मोकलातुं. मुगल राजा शाहजहांए पोतानो घणो समय अमदावादमां विताव्यो, जे दरम्यान तेणे शाहीबागमां आवेलो मोती शाही महाल बनावडाव्यो. अमदावाद १७५८ सुधी मुगलोनुं मुख्यालय रह्युं, त्यार बाद तेमणे मराठा सामे समर्पण कर्युं. मराठाकाळ दरम्यान अमदावाद तेनी चमक धीरे धीरे खोवा मांड्युं अने ते पूनाना पेश्वा अने बरोडाना गायकवाडना मतभेदनो शिकार बन्युं. अंग्रजोना शासनकाळ दरमियान अमदावाद एक मुख्य नगर बनी गयुं.
1487 मां अमदावादनी आसपास 10 किमीनो रस्तो कोने बनाव्यो हतो?
7
{ "answer_start": [ 32 ], "text": [ "महमद बेगडाए" ] }
ए. पी. जे. अब्दुल कलामनो जन्म १५ ओक्टोबर १९३१ना रोज तत्कालीन मद्रास राज्य (हाल तमिलनाडु)ना रामेश्वरम तीर्थ स्थळ पासेना पाम्बन द्वीप पर एक तमिल मुस्लिम परिवारमां थयो हतो. तेमना पिता जैनुलाब्दीन एक नावना मालिक अने स्थानिक मस्जिदना इमाम हता. तेमना माता आशिअम्मा गृहिणी हता. तेमना पिता तेमनी नावमां हिन्दु तीर्थयात्रीओने रामेश्वरम लाववा लई जवानुं काम करता हता. कलाम तेमना परिवारमां चार भाईओ अने एक बहेनमां सौथी नाना हता. तेमनो परिवार गरीब होवाथी बाळपणमां आवकपूर्ति माटे तेओ समाचारपत्र वहेंचवानुं काम करता हता. शाळाजीवनमां कलाम एक सरेराश विद्यार्थी हता परंतु तेमनी शीखवानी धगश प्रबळ हती, खास करीने गणित विषयना अभ्यास पाछळ घणो समय व्यतीत करता. शाळाजीवननो प्राथमिक अभ्यास रामेश्वरमां ज पूर्ण कर्या बाद तेमणे तिरुचिरापल्ली खातेनी सेंट जोसेफ कोलेजमां प्रवेश मेळव्यो.
एपीजे अब्दुल कलामनो जन्म क्यां थयो हतो?
8
{ "answer_start": [ 80 ], "text": [ "तमिलनाडु" ] }
ए. पी. जे. अब्दुल कलामनो जन्म १५ ओक्टोबर १९३१ना रोज तत्कालीन मद्रास राज्य (हाल तमिलनाडु)ना रामेश्वरम तीर्थ स्थळ पासेना पाम्बन द्वीप पर एक तमिल मुस्लिम परिवारमां थयो हतो. तेमना पिता जैनुलाब्दीन एक नावना मालिक अने स्थानिक मस्जिदना इमाम हता. तेमना माता आशिअम्मा गृहिणी हता. तेमना पिता तेमनी नावमां हिन्दु तीर्थयात्रीओने रामेश्वरम लाववा लई जवानुं काम करता हता. कलाम तेमना परिवारमां चार भाईओ अने एक बहेनमां सौथी नाना हता. तेमनो परिवार गरीब होवाथी बाळपणमां आवकपूर्ति माटे तेओ समाचारपत्र वहेंचवानुं काम करता हता. शाळाजीवनमां कलाम एक सरेराश विद्यार्थी हता परंतु तेमनी शीखवानी धगश प्रबळ हती, खास करीने गणित विषयना अभ्यास पाछळ घणो समय व्यतीत करता. शाळाजीवननो प्राथमिक अभ्यास रामेश्वरमां ज पूर्ण कर्या बाद तेमणे तिरुचिरापल्ली खातेनी सेंट जोसेफ कोलेजमां प्रवेश मेळव्यो.
एपीजे अब्दुल कलामनो जन्म क्यां परिवारमां थयो हतो?
9
{ "answer_start": [ 139 ], "text": [ "तमिल मुस्लिम" ] }
ए. पी. जे. अब्दुल कलामनो जन्म १५ ओक्टोबर १९३१ना रोज तत्कालीन मद्रास राज्य (हाल तमिलनाडु)ना रामेश्वरम तीर्थ स्थळ पासेना पाम्बन द्वीप पर एक तमिल मुस्लिम परिवारमां थयो हतो. तेमना पिता जैनुलाब्दीन एक नावना मालिक अने स्थानिक मस्जिदना इमाम हता. तेमना माता आशिअम्मा गृहिणी हता. तेमना पिता तेमनी नावमां हिन्दु तीर्थयात्रीओने रामेश्वरम लाववा लई जवानुं काम करता हता. कलाम तेमना परिवारमां चार भाईओ अने एक बहेनमां सौथी नाना हता. तेमनो परिवार गरीब होवाथी बाळपणमां आवकपूर्ति माटे तेओ समाचारपत्र वहेंचवानुं काम करता हता. शाळाजीवनमां कलाम एक सरेराश विद्यार्थी हता परंतु तेमनी शीखवानी धगश प्रबळ हती, खास करीने गणित विषयना अभ्यास पाछळ घणो समय व्यतीत करता. शाळाजीवननो प्राथमिक अभ्यास रामेश्वरमां ज पूर्ण कर्या बाद तेमणे तिरुचिरापल्ली खातेनी सेंट जोसेफ कोलेजमां प्रवेश मेळव्यो.
एमआइटी नुं पूरुं नाम शुं छे?
10
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
ए. पी. जे. अब्दुल कलामनो जन्म १५ ओक्टोबर १९३१ना रोज तत्कालीन मद्रास राज्य (हाल तमिलनाडु)ना रामेश्वरम तीर्थ स्थळ पासेना पाम्बन द्वीप पर एक तमिल मुस्लिम परिवारमां थयो हतो. तेमना पिता जैनुलाब्दीन एक नावना मालिक अने स्थानिक मस्जिदना इमाम हता. तेमना माता आशिअम्मा गृहिणी हता. तेमना पिता तेमनी नावमां हिन्दु तीर्थयात्रीओने रामेश्वरम लाववा लई जवानुं काम करता हता. कलाम तेमना परिवारमां चार भाईओ अने एक बहेनमां सौथी नाना हता. तेमनो परिवार गरीब होवाथी बाळपणमां आवकपूर्ति माटे तेओ समाचारपत्र वहेंचवानुं काम करता हता. शाळाजीवनमां कलाम एक सरेराश विद्यार्थी हता परंतु तेमनी शीखवानी धगश प्रबळ हती, खास करीने गणित विषयना अभ्यास पाछळ घणो समय व्यतीत करता. शाळाजीवननो प्राथमिक अभ्यास रामेश्वरमां ज पूर्ण कर्या बाद तेमणे तिरुचिरापल्ली खातेनी सेंट जोसेफ कोलेजमां प्रवेश मेळव्यो.
एपीजे अब्दुल कलामनां पितानुं नाम शुं हतुं?
11
{ "answer_start": [ 181 ], "text": [ "जैनुलाब्दीन" ] }
ए. पी. जे. अब्दुल कलामनो जन्म १५ ओक्टोबर १९३१ना रोज तत्कालीन मद्रास राज्य (हाल तमिलनाडु)ना रामेश्वरम तीर्थ स्थळ पासेना पाम्बन द्वीप पर एक तमिल मुस्लिम परिवारमां थयो हतो. तेमना पिता जैनुलाब्दीन एक नावना मालिक अने स्थानिक मस्जिदना इमाम हता. तेमना माता आशिअम्मा गृहिणी हता. तेमना पिता तेमनी नावमां हिन्दु तीर्थयात्रीओने रामेश्वरम लाववा लई जवानुं काम करता हता. कलाम तेमना परिवारमां चार भाईओ अने एक बहेनमां सौथी नाना हता. तेमनो परिवार गरीब होवाथी बाळपणमां आवकपूर्ति माटे तेओ समाचारपत्र वहेंचवानुं काम करता हता. शाळाजीवनमां कलाम एक सरेराश विद्यार्थी हता परंतु तेमनी शीखवानी धगश प्रबळ हती, खास करीने गणित विषयना अभ्यास पाछळ घणो समय व्यतीत करता. शाळाजीवननो प्राथमिक अभ्यास रामेश्वरमां ज पूर्ण कर्या बाद तेमणे तिरुचिरापल्ली खातेनी सेंट जोसेफ कोलेजमां प्रवेश मेळव्यो.
अब्दुल कलामनुं स्वप्न शुं बनवानुं हतुं?
12
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
ए. पी. जे. अब्दुल कलामनो जन्म १५ ओक्टोबर १९३१ना रोज तत्कालीन मद्रास राज्य (हाल तमिलनाडु)ना रामेश्वरम तीर्थ स्थळ पासेना पाम्बन द्वीप पर एक तमिल मुस्लिम परिवारमां थयो हतो. तेमना पिता जैनुलाब्दीन एक नावना मालिक अने स्थानिक मस्जिदना इमाम हता. तेमना माता आशिअम्मा गृहिणी हता. तेमना पिता तेमनी नावमां हिन्दु तीर्थयात्रीओने रामेश्वरम लाववा लई जवानुं काम करता हता. कलाम तेमना परिवारमां चार भाईओ अने एक बहेनमां सौथी नाना हता. तेमनो परिवार गरीब होवाथी बाळपणमां आवकपूर्ति माटे तेओ समाचारपत्र वहेंचवानुं काम करता हता. शाळाजीवनमां कलाम एक सरेराश विद्यार्थी हता परंतु तेमनी शीखवानी धगश प्रबळ हती, खास करीने गणित विषयना अभ्यास पाछळ घणो समय व्यतीत करता. शाळाजीवननो प्राथमिक अभ्यास रामेश्वरमां ज पूर्ण कर्या बाद तेमणे तिरुचिरापल्ली खातेनी सेंट जोसेफ कोलेजमां प्रवेश मेळव्यो.
अब्दुल कलामे कया वर्षमां भौतिकशास्त्रमां बेचलर ओफ सायन्सनी डिग्री मेळवी?
13
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
ए. पी. जे. अब्दुल कलामनो जन्म १५ ओक्टोबर १९३१ना रोज तत्कालीन मद्रास राज्य (हाल तमिलनाडु)ना रामेश्वरम तीर्थ स्थळ पासेना पाम्बन द्वीप पर एक तमिल मुस्लिम परिवारमां थयो हतो. तेमना पिता जैनुलाब्दीन एक नावना मालिक अने स्थानिक मस्जिदना इमाम हता. तेमना माता आशिअम्मा गृहिणी हता. तेमना पिता तेमनी नावमां हिन्दु तीर्थयात्रीओने रामेश्वरम लाववा लई जवानुं काम करता हता. कलाम तेमना परिवारमां चार भाईओ अने एक बहेनमां सौथी नाना हता. तेमनो परिवार गरीब होवाथी बाळपणमां आवकपूर्ति माटे तेओ समाचारपत्र वहेंचवानुं काम करता हता. शाळाजीवनमां कलाम एक सरेराश विद्यार्थी हता परंतु तेमनी शीखवानी धगश प्रबळ हती, खास करीने गणित विषयना अभ्यास पाछळ घणो समय व्यतीत करता. शाळाजीवननो प्राथमिक अभ्यास रामेश्वरमां ज पूर्ण कर्या बाद तेमणे तिरुचिरापल्ली खातेनी सेंट जोसेफ कोलेजमां प्रवेश मेळव्यो.
अब्दुल कलाम एमआइटी मां मेरिट लिस्टमां केटलामां क्रमे हता?
14
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
ए. पी. जे. अब्दुल कलामनो जन्म १५ ओक्टोबर १९३१ना रोज तत्कालीन मद्रास राज्य (हाल तमिलनाडु)ना रामेश्वरम तीर्थ स्थळ पासेना पाम्बन द्वीप पर एक तमिल मुस्लिम परिवारमां थयो हतो. तेमना पिता जैनुलाब्दीन एक नावना मालिक अने स्थानिक मस्जिदना इमाम हता. तेमना माता आशिअम्मा गृहिणी हता. तेमना पिता तेमनी नावमां हिन्दु तीर्थयात्रीओने रामेश्वरम लाववा लई जवानुं काम करता हता. कलाम तेमना परिवारमां चार भाईओ अने एक बहेनमां सौथी नाना हता. तेमनो परिवार गरीब होवाथी बाळपणमां आवकपूर्ति माटे तेओ समाचारपत्र वहेंचवानुं काम करता हता. शाळाजीवनमां कलाम एक सरेराश विद्यार्थी हता परंतु तेमनी शीखवानी धगश प्रबळ हती, खास करीने गणित विषयना अभ्यास पाछळ घणो समय व्यतीत करता. शाळाजीवननो प्राथमिक अभ्यास रामेश्वरमां ज पूर्ण कर्या बाद तेमणे तिरुचिरापल्ली खातेनी सेंट जोसेफ कोलेजमां प्रवेश मेळव्यो.
एपीजे अब्दुल कलामनो जन्म क्यारे थयो हतो?
15
{ "answer_start": [ 31 ], "text": [ "१५ ओक्टोबर १९३१" ] }
ए. पी. जे. अब्दुल कलामनो जन्म १५ ओक्टोबर १९३१ना रोज तत्कालीन मद्रास राज्य (हाल तमिलनाडु)ना रामेश्वरम तीर्थ स्थळ पासेना पाम्बन द्वीप पर एक तमिल मुस्लिम परिवारमां थयो हतो. तेमना पिता जैनुलाब्दीन एक नावना मालिक अने स्थानिक मस्जिदना इमाम हता. तेमना माता आशिअम्मा गृहिणी हता. तेमना पिता तेमनी नावमां हिन्दु तीर्थयात्रीओने रामेश्वरम लाववा लई जवानुं काम करता हता. कलाम तेमना परिवारमां चार भाईओ अने एक बहेनमां सौथी नाना हता. तेमनो परिवार गरीब होवाथी बाळपणमां आवकपूर्ति माटे तेओ समाचारपत्र वहेंचवानुं काम करता हता. शाळाजीवनमां कलाम एक सरेराश विद्यार्थी हता परंतु तेमनी शीखवानी धगश प्रबळ हती, खास करीने गणित विषयना अभ्यास पाछळ घणो समय व्यतीत करता. शाळाजीवननो प्राथमिक अभ्यास रामेश्वरमां ज पूर्ण कर्या बाद तेमणे तिरुचिरापल्ली खातेनी सेंट जोसेफ कोलेजमां प्रवेश मेळव्यो.
अब्दुल कलामे कया वर्षमां एरोस्पेस एन्जिनियरिंगनो अभ्यास करवा माटे मद्रास (हवे चेन्नई)मां मद्रास इन्स्टिट्यूट ओफ टेकनोलोजीमां प्रवेश मेळव्यो?
16
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
ए. पी. जे. अब्दुल कलामनो जन्म १५ ओक्टोबर १९३१ना रोज तत्कालीन मद्रास राज्य (हाल तमिलनाडु)ना रामेश्वरम तीर्थ स्थळ पासेना पाम्बन द्वीप पर एक तमिल मुस्लिम परिवारमां थयो हतो. तेमना पिता जैनुलाब्दीन एक नावना मालिक अने स्थानिक मस्जिदना इमाम हता. तेमना माता आशिअम्मा गृहिणी हता. तेमना पिता तेमनी नावमां हिन्दु तीर्थयात्रीओने रामेश्वरम लाववा लई जवानुं काम करता हता. कलाम तेमना परिवारमां चार भाईओ अने एक बहेनमां सौथी नाना हता. तेमनो परिवार गरीब होवाथी बाळपणमां आवकपूर्ति माटे तेओ समाचारपत्र वहेंचवानुं काम करता हता. शाळाजीवनमां कलाम एक सरेराश विद्यार्थी हता परंतु तेमनी शीखवानी धगश प्रबळ हती, खास करीने गणित विषयना अभ्यास पाछळ घणो समय व्यतीत करता. शाळाजीवननो प्राथमिक अभ्यास रामेश्वरमां ज पूर्ण कर्या बाद तेमणे तिरुचिरापल्ली खातेनी सेंट जोसेफ कोलेजमां प्रवेश मेळव्यो.
एपीजे अब्दुल कलामना पिता हिन्दु यात्राळुओने तेमनी बोट पर क्यां लई जता हता?
17
{ "answer_start": [ 92 ], "text": [ "रामेश्वरम" ] }
दा. त. एवुं नोंधायुं छे के नैनि तळावमां दर वर्षे शियाळामां हजारो माछलीओ मृत्यु पामे छे. छेल्लामां छेल्ले आ घटना जान्युआरी २००६मां बनी हती. नैनि तळाव मात्र २० मीटर ऊंडु छे. तेम छतां तेना हायपोलीमिनीक स्तर (सौथीनीचेनी ठंडी स्थिर अने समान तापमान धरावतुं स्तर) नामना स्तरमां ओक्सिजननुं प्रमाण माछलीओना जीवन माटे जरूरी स्तर करता घणुं ओछुं छे. आनुं मुख्य कारण प्रदुषण, गेरकायदेसर कचरो ठालववो आदि छे. आ तकलीफ शियाळामां वधी पडे छे ज्यारे सपाटे परनुं उष्णतामान पडी जवाने कारणे ऊंडाणनुं पाणी उपर आवी जाय छे.
कई ऋतुमां ज्यारे सपाटीनुं तापमान वधे छे त्यारे समस्या वधु वणसे छे?
18
{ "answer_start": [ 50 ], "text": [ "शियाळामां" ] }
दा. त. एवुं नोंधायुं छे के नैनि तळावमां दर वर्षे शियाळामां हजारो माछलीओ मृत्यु पामे छे. छेल्लामां छेल्ले आ घटना जान्युआरी २००६मां बनी हती. नैनि तळाव मात्र २० मीटर ऊंडु छे. तेम छतां तेना हायपोलीमिनीक स्तर (सौथीनीचेनी ठंडी स्थिर अने समान तापमान धरावतुं स्तर) नामना स्तरमां ओक्सिजननुं प्रमाण माछलीओना जीवन माटे जरूरी स्तर करता घणुं ओछुं छे. आनुं मुख्य कारण प्रदुषण, गेरकायदेसर कचरो ठालववो आदि छे. आ तकलीफ शियाळामां वधी पडे छे ज्यारे सपाटे परनुं उष्णतामान पडी जवाने कारणे ऊंडाणनुं पाणी उपर आवी जाय छे.
मुख्य खाई नीचला स्तरथी पाणी खेंचवानी छे ते कोणे कह्युं हतुं?
19
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
दा. त. एवुं नोंधायुं छे के नैनि तळावमां दर वर्षे शियाळामां हजारो माछलीओ मृत्यु पामे छे. छेल्लामां छेल्ले आ घटना जान्युआरी २००६मां बनी हती. नैनि तळाव मात्र २० मीटर ऊंडु छे. तेम छतां तेना हायपोलीमिनीक स्तर (सौथीनीचेनी ठंडी स्थिर अने समान तापमान धरावतुं स्तर) नामना स्तरमां ओक्सिजननुं प्रमाण माछलीओना जीवन माटे जरूरी स्तर करता घणुं ओछुं छे. आनुं मुख्य कारण प्रदुषण, गेरकायदेसर कचरो ठालववो आदि छे. आ तकलीफ शियाळामां वधी पडे छे ज्यारे सपाटे परनुं उष्णतामान पडी जवाने कारणे ऊंडाणनुं पाणी उपर आवी जाय छे.
नैनी तळावमां दर शियाळामां केटली माछलीओ मृत्यु पामे छे?
20
{ "answer_start": [ 60 ], "text": [ "हजारो माछलीओ" ] }
दा. त. एवुं नोंधायुं छे के नैनि तळावमां दर वर्षे शियाळामां हजारो माछलीओ मृत्यु पामे छे. छेल्लामां छेल्ले आ घटना जान्युआरी २००६मां बनी हती. नैनि तळाव मात्र २० मीटर ऊंडु छे. तेम छतां तेना हायपोलीमिनीक स्तर (सौथीनीचेनी ठंडी स्थिर अने समान तापमान धरावतुं स्तर) नामना स्तरमां ओक्सिजननुं प्रमाण माछलीओना जीवन माटे जरूरी स्तर करता घणुं ओछुं छे. आनुं मुख्य कारण प्रदुषण, गेरकायदेसर कचरो ठालववो आदि छे. आ तकलीफ शियाळामां वधी पडे छे ज्यारे सपाटे परनुं उष्णतामान पडी जवाने कारणे ऊंडाणनुं पाणी उपर आवी जाय छे.
नैनि तळावमां कोना अभावे माछलीओ मरी जाय छे?
21
{ "answer_start": [ 269 ], "text": [ "ओक्सिजन" ] }
दा. त. एवुं नोंधायुं छे के नैनि तळावमां दर वर्षे शियाळामां हजारो माछलीओ मृत्यु पामे छे. छेल्लामां छेल्ले आ घटना जान्युआरी २००६मां बनी हती. नैनि तळाव मात्र २० मीटर ऊंडु छे. तेम छतां तेना हायपोलीमिनीक स्तर (सौथीनीचेनी ठंडी स्थिर अने समान तापमान धरावतुं स्तर) नामना स्तरमां ओक्सिजननुं प्रमाण माछलीओना जीवन माटे जरूरी स्तर करता घणुं ओछुं छे. आनुं मुख्य कारण प्रदुषण, गेरकायदेसर कचरो ठालववो आदि छे. आ तकलीफ शियाळामां वधी पडे छे ज्यारे सपाटे परनुं उष्णतामान पडी जवाने कारणे ऊंडाणनुं पाणी उपर आवी जाय छे.
नैनी तळावमां दर शियाळामां माछलीओ मृत्यु पामे छे ते छेल्ली वखत क्यारे नोंधवामां आव्युं हतुं?
22
{ "answer_start": [ 112 ], "text": [ "जान्युआरी २००६" ] }
दा. त. एवुं नोंधायुं छे के नैनि तळावमां दर वर्षे शियाळामां हजारो माछलीओ मृत्यु पामे छे. छेल्लामां छेल्ले आ घटना जान्युआरी २००६मां बनी हती. नैनि तळाव मात्र २० मीटर ऊंडु छे. तेम छतां तेना हायपोलीमिनीक स्तर (सौथीनीचेनी ठंडी स्थिर अने समान तापमान धरावतुं स्तर) नामना स्तरमां ओक्सिजननुं प्रमाण माछलीओना जीवन माटे जरूरी स्तर करता घणुं ओछुं छे. आनुं मुख्य कारण प्रदुषण, गेरकायदेसर कचरो ठालववो आदि छे. आ तकलीफ शियाळामां वधी पडे छे ज्यारे सपाटे परनुं उष्णतामान पडी जवाने कारणे ऊंडाणनुं पाणी उपर आवी जाय छे.
नैनि तळावमां पाणी केटला मीटर ऊंडुं छे?
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{ "answer_start": [ 154 ], "text": [ "२०" ] }
दा. त. एवुं नोंधायुं छे के नैनि तळावमां दर वर्षे शियाळामां हजारो माछलीओ मृत्यु पामे छे. छेल्लामां छेल्ले आ घटना जान्युआरी २००६मां बनी हती. नैनि तळाव मात्र २० मीटर ऊंडु छे. तेम छतां तेना हायपोलीमिनीक स्तर (सौथीनीचेनी ठंडी स्थिर अने समान तापमान धरावतुं स्तर) नामना स्तरमां ओक्सिजननुं प्रमाण माछलीओना जीवन माटे जरूरी स्तर करता घणुं ओछुं छे. आनुं मुख्य कारण प्रदुषण, गेरकायदेसर कचरो ठालववो आदि छे. आ तकलीफ शियाळामां वधी पडे छे ज्यारे सपाटे परनुं उष्णतामान पडी जवाने कारणे ऊंडाणनुं पाणी उपर आवी जाय छे.
नैनि तळावमां कोना द्वारा पाणीने ओक्सिजनयुक्त बनावी शकाय छे?
24
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
दा. त. एवुं नोंधायुं छे के नैनि तळावमां दर वर्षे शियाळामां हजारो माछलीओ मृत्यु पामे छे. छेल्लामां छेल्ले आ घटना जान्युआरी २००६मां बनी हती. नैनि तळाव मात्र २० मीटर ऊंडु छे. तेम छतां तेना हायपोलीमिनीक स्तर (सौथीनीचेनी ठंडी स्थिर अने समान तापमान धरावतुं स्तर) नामना स्तरमां ओक्सिजननुं प्रमाण माछलीओना जीवन माटे जरूरी स्तर करता घणुं ओछुं छे. आनुं मुख्य कारण प्रदुषण, गेरकायदेसर कचरो ठालववो आदि छे. आ तकलीफ शियाळामां वधी पडे छे ज्यारे सपाटे परनुं उष्णतामान पडी जवाने कारणे ऊंडाणनुं पाणी उपर आवी जाय छे.
नैनि तळावना हायपोलोजिकल स्तरमां ओक्सिजननुं स्तर माछलीना अस्तित्व माटे जरूरी स्तर करता केवुं छे?
25
{ "answer_start": [ 322 ], "text": [ "घणुं ओछुं" ] }
" पोताना नोबल लेकचरमां आ ज विषय पर तेमणे वधु ऊंडाणपूर्वक वात करी हती, "मात्र गरीब देशोमां ज नहीं, पण आखा विश्वमां, पश्चिमना देशोमां पण मने गरीबी जोवा मळी छे, मिटाववी घणी वधु मुश्केल होय तेवी गरीबी. जयारे हुं गलीमां कोई भूखी व्यकितने जोउं छुं, तेने भातनी थाळी अने ब्रेडनो टुकडो आपुं छुं, त्यारे मने खबर छे के में तेनी भूख संतोषी दीधी छे, ए भूख दूर करी छे. पण जेना होठ सीवेला छे अने जे अंदरथी पोतानी जातने वणजोईती के प्रेमना अभावथी घेरायेली, भयग्रस्त अनुभवे छे, ए व्यकित के जे पोताने समाजमांथी बहार फेंकायेली अनुभवे छे- आ गरीबी एटली नुकसानकारक छे अने एटली बधी छे के मने तेने दूर करवी घणी मुश्केल लागे छे. " तेमणे गर्भपातने पण "विश्वमां शांतिना सौथी मोटा विध्वंसक" तरीके ओळखाव्यो हतो. तेमना जीवनना अंत समयनी आसपास, पश्चिमना प्रसार-माध्यमोमां मधर टेरेसा अंगे थोडुं नकारात्मक प्रगट थयुं हतुं. पत्रकार क्रिस्टोफर हिचेन्स तेमना सौथी सक्रिय टीकाकारोमांना एक हता. ब्रिटिश चेनल 4 माटे मधर टेरेसा पर हेल्स एन्जल (नरक-दूत) नामनुं दस्तावेजी चित्रना लेखन अने कथन माटे सह-लेखकनी कामगीरी क्रिस्टोफरने सोंपवामां आवी हती, आ प्रकारनी फिल्म बनाववी जोईए एवुं अरुप चेटर्जीनुं प्रोत्साहन हतुं पण अंतिम फिल्म जोईने अरुप चेटर्जी तेना "सनसनाटीयुकत अभिगम"थी नाराज हता. 1995मां हिचेन्से ध मिशनरी पोझिशन नामना पोताना पुस्तकमां पोतानी टीकाओने विस्तारपूर्वक आलेखी. चेटर्जीए लख्या मुजब, जयारे मधर टेरेसा जीवित हतां त्यारे पण तेमणे अने तेमना अधिकृत जीवनकथा-लेखकोए चेटर्जी साथे पोतानी तपासमां जोडावा माटे स्पष्ट ना पाडी हती अने आम तेओ पश्चिमना प्रेसमां टीकात्मक लखाण सामे पोतानी जातनो बचाव करवामां निष्फळ रह्यां हतां. ब्रिटिनना ध गार्डियन मां प्रकाशित थयेल अहेवालनुं उदाहरण टांक्युं हतुं,"तेमनां अनाथालयोनी स्थितिनी कडक (अने विगतवार) समीक्षा करवामां आवी हती. . . (जेमां) शारीरिक अने भावनात्मक दुरुपयोग अने सदंतर उपेक्षाना आरोपनो समावेश थतो हतो", अने आ उपरांत युरोपना देशोमां मधर टेरेसाः टाईम फोर चेन्ज?
कोण मधर टेरेसाना सौथी सक्रिय विवेचकोमांना एक हता?
26
{ "answer_start": [ 783 ], "text": [ "पत्रकार क्रिस्टोफर हिचेन्स" ] }
" पोताना नोबल लेकचरमां आ ज विषय पर तेमणे वधु ऊंडाणपूर्वक वात करी हती, "मात्र गरीब देशोमां ज नहीं, पण आखा विश्वमां, पश्चिमना देशोमां पण मने गरीबी जोवा मळी छे, मिटाववी घणी वधु मुश्केल होय तेवी गरीबी. जयारे हुं गलीमां कोई भूखी व्यकितने जोउं छुं, तेने भातनी थाळी अने ब्रेडनो टुकडो आपुं छुं, त्यारे मने खबर छे के में तेनी भूख संतोषी दीधी छे, ए भूख दूर करी छे. पण जेना होठ सीवेला छे अने जे अंदरथी पोतानी जातने वणजोईती के प्रेमना अभावथी घेरायेली, भयग्रस्त अनुभवे छे, ए व्यकित के जे पोताने समाजमांथी बहार फेंकायेली अनुभवे छे- आ गरीबी एटली नुकसानकारक छे अने एटली बधी छे के मने तेने दूर करवी घणी मुश्केल लागे छे. " तेमणे गर्भपातने पण "विश्वमां शांतिना सौथी मोटा विध्वंसक" तरीके ओळखाव्यो हतो. तेमना जीवनना अंत समयनी आसपास, पश्चिमना प्रसार-माध्यमोमां मधर टेरेसा अंगे थोडुं नकारात्मक प्रगट थयुं हतुं. पत्रकार क्रिस्टोफर हिचेन्स तेमना सौथी सक्रिय टीकाकारोमांना एक हता. ब्रिटिश चेनल 4 माटे मधर टेरेसा पर हेल्स एन्जल (नरक-दूत) नामनुं दस्तावेजी चित्रना लेखन अने कथन माटे सह-लेखकनी कामगीरी क्रिस्टोफरने सोंपवामां आवी हती, आ प्रकारनी फिल्म बनाववी जोईए एवुं अरुप चेटर्जीनुं प्रोत्साहन हतुं पण अंतिम फिल्म जोईने अरुप चेटर्जी तेना "सनसनाटीयुकत अभिगम"थी नाराज हता. 1995मां हिचेन्से ध मिशनरी पोझिशन नामना पोताना पुस्तकमां पोतानी टीकाओने विस्तारपूर्वक आलेखी. चेटर्जीए लख्या मुजब, जयारे मधर टेरेसा जीवित हतां त्यारे पण तेमणे अने तेमना अधिकृत जीवनकथा-लेखकोए चेटर्जी साथे पोतानी तपासमां जोडावा माटे स्पष्ट ना पाडी हती अने आम तेओ पश्चिमना प्रेसमां टीकात्मक लखाण सामे पोतानी जातनो बचाव करवामां निष्फळ रह्यां हतां. ब्रिटिनना ध गार्डियन मां प्रकाशित थयेल अहेवालनुं उदाहरण टांक्युं हतुं,"तेमनां अनाथालयोनी स्थितिनी कडक (अने विगतवार) समीक्षा करवामां आवी हती. . . (जेमां) शारीरिक अने भावनात्मक दुरुपयोग अने सदंतर उपेक्षाना आरोपनो समावेश थतो हतो", अने आ उपरांत युरोपना देशोमां मधर टेरेसाः टाईम फोर चेन्ज?
मधर टेरेसाए कया प्रवचनमां विश्वशांति माटेना विषय पर वधु उंडाणपूर्वक वात करी हती?
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{ "answer_start": [ 2 ], "text": [ "पोताना नोबल लेकचरमां" ] }
" पोताना नोबल लेकचरमां आ ज विषय पर तेमणे वधु ऊंडाणपूर्वक वात करी हती, "मात्र गरीब देशोमां ज नहीं, पण आखा विश्वमां, पश्चिमना देशोमां पण मने गरीबी जोवा मळी छे, मिटाववी घणी वधु मुश्केल होय तेवी गरीबी. जयारे हुं गलीमां कोई भूखी व्यकितने जोउं छुं, तेने भातनी थाळी अने ब्रेडनो टुकडो आपुं छुं, त्यारे मने खबर छे के में तेनी भूख संतोषी दीधी छे, ए भूख दूर करी छे. पण जेना होठ सीवेला छे अने जे अंदरथी पोतानी जातने वणजोईती के प्रेमना अभावथी घेरायेली, भयग्रस्त अनुभवे छे, ए व्यकित के जे पोताने समाजमांथी बहार फेंकायेली अनुभवे छे- आ गरीबी एटली नुकसानकारक छे अने एटली बधी छे के मने तेने दूर करवी घणी मुश्केल लागे छे. " तेमणे गर्भपातने पण "विश्वमां शांतिना सौथी मोटा विध्वंसक" तरीके ओळखाव्यो हतो. तेमना जीवनना अंत समयनी आसपास, पश्चिमना प्रसार-माध्यमोमां मधर टेरेसा अंगे थोडुं नकारात्मक प्रगट थयुं हतुं. पत्रकार क्रिस्टोफर हिचेन्स तेमना सौथी सक्रिय टीकाकारोमांना एक हता. ब्रिटिश चेनल 4 माटे मधर टेरेसा पर हेल्स एन्जल (नरक-दूत) नामनुं दस्तावेजी चित्रना लेखन अने कथन माटे सह-लेखकनी कामगीरी क्रिस्टोफरने सोंपवामां आवी हती, आ प्रकारनी फिल्म बनाववी जोईए एवुं अरुप चेटर्जीनुं प्रोत्साहन हतुं पण अंतिम फिल्म जोईने अरुप चेटर्जी तेना "सनसनाटीयुकत अभिगम"थी नाराज हता. 1995मां हिचेन्से ध मिशनरी पोझिशन नामना पोताना पुस्तकमां पोतानी टीकाओने विस्तारपूर्वक आलेखी. चेटर्जीए लख्या मुजब, जयारे मधर टेरेसा जीवित हतां त्यारे पण तेमणे अने तेमना अधिकृत जीवनकथा-लेखकोए चेटर्जी साथे पोतानी तपासमां जोडावा माटे स्पष्ट ना पाडी हती अने आम तेओ पश्चिमना प्रेसमां टीकात्मक लखाण सामे पोतानी जातनो बचाव करवामां निष्फळ रह्यां हतां. ब्रिटिनना ध गार्डियन मां प्रकाशित थयेल अहेवालनुं उदाहरण टांक्युं हतुं,"तेमनां अनाथालयोनी स्थितिनी कडक (अने विगतवार) समीक्षा करवामां आवी हती. . . (जेमां) शारीरिक अने भावनात्मक दुरुपयोग अने सदंतर उपेक्षाना आरोपनो समावेश थतो हतो", अने आ उपरांत युरोपना देशोमां मधर टेरेसाः टाईम फोर चेन्ज?
कया अखबारोमां टीकात्मक लेखन सामे पोतानो बचाव करवामां मधर टेरेसा निष्फळ रह्या हता?
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{ "answer_start": [ 1395 ], "text": [ "पश्चिमना प्रेस" ] }
" पोताना नोबल लेकचरमां आ ज विषय पर तेमणे वधु ऊंडाणपूर्वक वात करी हती, "मात्र गरीब देशोमां ज नहीं, पण आखा विश्वमां, पश्चिमना देशोमां पण मने गरीबी जोवा मळी छे, मिटाववी घणी वधु मुश्केल होय तेवी गरीबी. जयारे हुं गलीमां कोई भूखी व्यकितने जोउं छुं, तेने भातनी थाळी अने ब्रेडनो टुकडो आपुं छुं, त्यारे मने खबर छे के में तेनी भूख संतोषी दीधी छे, ए भूख दूर करी छे. पण जेना होठ सीवेला छे अने जे अंदरथी पोतानी जातने वणजोईती के प्रेमना अभावथी घेरायेली, भयग्रस्त अनुभवे छे, ए व्यकित के जे पोताने समाजमांथी बहार फेंकायेली अनुभवे छे- आ गरीबी एटली नुकसानकारक छे अने एटली बधी छे के मने तेने दूर करवी घणी मुश्केल लागे छे. " तेमणे गर्भपातने पण "विश्वमां शांतिना सौथी मोटा विध्वंसक" तरीके ओळखाव्यो हतो. तेमना जीवनना अंत समयनी आसपास, पश्चिमना प्रसार-माध्यमोमां मधर टेरेसा अंगे थोडुं नकारात्मक प्रगट थयुं हतुं. पत्रकार क्रिस्टोफर हिचेन्स तेमना सौथी सक्रिय टीकाकारोमांना एक हता. ब्रिटिश चेनल 4 माटे मधर टेरेसा पर हेल्स एन्जल (नरक-दूत) नामनुं दस्तावेजी चित्रना लेखन अने कथन माटे सह-लेखकनी कामगीरी क्रिस्टोफरने सोंपवामां आवी हती, आ प्रकारनी फिल्म बनाववी जोईए एवुं अरुप चेटर्जीनुं प्रोत्साहन हतुं पण अंतिम फिल्म जोईने अरुप चेटर्जी तेना "सनसनाटीयुकत अभिगम"थी नाराज हता. 1995मां हिचेन्से ध मिशनरी पोझिशन नामना पोताना पुस्तकमां पोतानी टीकाओने विस्तारपूर्वक आलेखी. चेटर्जीए लख्या मुजब, जयारे मधर टेरेसा जीवित हतां त्यारे पण तेमणे अने तेमना अधिकृत जीवनकथा-लेखकोए चेटर्जी साथे पोतानी तपासमां जोडावा माटे स्पष्ट ना पाडी हती अने आम तेओ पश्चिमना प्रेसमां टीकात्मक लखाण सामे पोतानी जातनो बचाव करवामां निष्फळ रह्यां हतां. ब्रिटिनना ध गार्डियन मां प्रकाशित थयेल अहेवालनुं उदाहरण टांक्युं हतुं,"तेमनां अनाथालयोनी स्थितिनी कडक (अने विगतवार) समीक्षा करवामां आवी हती. . . (जेमां) शारीरिक अने भावनात्मक दुरुपयोग अने सदंतर उपेक्षाना आरोपनो समावेश थतो हतो", अने आ उपरांत युरोपना देशोमां मधर टेरेसाः टाईम फोर चेन्ज?
कोने तेमना मंतव्यो माटे टीकानो सामनो करवो पड्यो?
29
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
" पोताना नोबल लेकचरमां आ ज विषय पर तेमणे वधु ऊंडाणपूर्वक वात करी हती, "मात्र गरीब देशोमां ज नहीं, पण आखा विश्वमां, पश्चिमना देशोमां पण मने गरीबी जोवा मळी छे, मिटाववी घणी वधु मुश्केल होय तेवी गरीबी. जयारे हुं गलीमां कोई भूखी व्यकितने जोउं छुं, तेने भातनी थाळी अने ब्रेडनो टुकडो आपुं छुं, त्यारे मने खबर छे के में तेनी भूख संतोषी दीधी छे, ए भूख दूर करी छे. पण जेना होठ सीवेला छे अने जे अंदरथी पोतानी जातने वणजोईती के प्रेमना अभावथी घेरायेली, भयग्रस्त अनुभवे छे, ए व्यकित के जे पोताने समाजमांथी बहार फेंकायेली अनुभवे छे- आ गरीबी एटली नुकसानकारक छे अने एटली बधी छे के मने तेने दूर करवी घणी मुश्केल लागे छे. " तेमणे गर्भपातने पण "विश्वमां शांतिना सौथी मोटा विध्वंसक" तरीके ओळखाव्यो हतो. तेमना जीवनना अंत समयनी आसपास, पश्चिमना प्रसार-माध्यमोमां मधर टेरेसा अंगे थोडुं नकारात्मक प्रगट थयुं हतुं. पत्रकार क्रिस्टोफर हिचेन्स तेमना सौथी सक्रिय टीकाकारोमांना एक हता. ब्रिटिश चेनल 4 माटे मधर टेरेसा पर हेल्स एन्जल (नरक-दूत) नामनुं दस्तावेजी चित्रना लेखन अने कथन माटे सह-लेखकनी कामगीरी क्रिस्टोफरने सोंपवामां आवी हती, आ प्रकारनी फिल्म बनाववी जोईए एवुं अरुप चेटर्जीनुं प्रोत्साहन हतुं पण अंतिम फिल्म जोईने अरुप चेटर्जी तेना "सनसनाटीयुकत अभिगम"थी नाराज हता. 1995मां हिचेन्से ध मिशनरी पोझिशन नामना पोताना पुस्तकमां पोतानी टीकाओने विस्तारपूर्वक आलेखी. चेटर्जीए लख्या मुजब, जयारे मधर टेरेसा जीवित हतां त्यारे पण तेमणे अने तेमना अधिकृत जीवनकथा-लेखकोए चेटर्जी साथे पोतानी तपासमां जोडावा माटे स्पष्ट ना पाडी हती अने आम तेओ पश्चिमना प्रेसमां टीकात्मक लखाण सामे पोतानी जातनो बचाव करवामां निष्फळ रह्यां हतां. ब्रिटिनना ध गार्डियन मां प्रकाशित थयेल अहेवालनुं उदाहरण टांक्युं हतुं,"तेमनां अनाथालयोनी स्थितिनी कडक (अने विगतवार) समीक्षा करवामां आवी हती. . . (जेमां) शारीरिक अने भावनात्मक दुरुपयोग अने सदंतर उपेक्षाना आरोपनो समावेश थतो हतो", अने आ उपरांत युरोपना देशोमां मधर टेरेसाः टाईम फोर चेन्ज?
मधर टेरेसाए गर्भपातने शेनो सौथी मोटो विनाश करनार पण गणाव्यो हतो?
30
{ "answer_start": [ 622 ], "text": [ "विश्वमां शांति" ] }
" पोताना नोबल लेकचरमां आ ज विषय पर तेमणे वधु ऊंडाणपूर्वक वात करी हती, "मात्र गरीब देशोमां ज नहीं, पण आखा विश्वमां, पश्चिमना देशोमां पण मने गरीबी जोवा मळी छे, मिटाववी घणी वधु मुश्केल होय तेवी गरीबी. जयारे हुं गलीमां कोई भूखी व्यकितने जोउं छुं, तेने भातनी थाळी अने ब्रेडनो टुकडो आपुं छुं, त्यारे मने खबर छे के में तेनी भूख संतोषी दीधी छे, ए भूख दूर करी छे. पण जेना होठ सीवेला छे अने जे अंदरथी पोतानी जातने वणजोईती के प्रेमना अभावथी घेरायेली, भयग्रस्त अनुभवे छे, ए व्यकित के जे पोताने समाजमांथी बहार फेंकायेली अनुभवे छे- आ गरीबी एटली नुकसानकारक छे अने एटली बधी छे के मने तेने दूर करवी घणी मुश्केल लागे छे. " तेमणे गर्भपातने पण "विश्वमां शांतिना सौथी मोटा विध्वंसक" तरीके ओळखाव्यो हतो. तेमना जीवनना अंत समयनी आसपास, पश्चिमना प्रसार-माध्यमोमां मधर टेरेसा अंगे थोडुं नकारात्मक प्रगट थयुं हतुं. पत्रकार क्रिस्टोफर हिचेन्स तेमना सौथी सक्रिय टीकाकारोमांना एक हता. ब्रिटिश चेनल 4 माटे मधर टेरेसा पर हेल्स एन्जल (नरक-दूत) नामनुं दस्तावेजी चित्रना लेखन अने कथन माटे सह-लेखकनी कामगीरी क्रिस्टोफरने सोंपवामां आवी हती, आ प्रकारनी फिल्म बनाववी जोईए एवुं अरुप चेटर्जीनुं प्रोत्साहन हतुं पण अंतिम फिल्म जोईने अरुप चेटर्जी तेना "सनसनाटीयुकत अभिगम"थी नाराज हता. 1995मां हिचेन्से ध मिशनरी पोझिशन नामना पोताना पुस्तकमां पोतानी टीकाओने विस्तारपूर्वक आलेखी. चेटर्जीए लख्या मुजब, जयारे मधर टेरेसा जीवित हतां त्यारे पण तेमणे अने तेमना अधिकृत जीवनकथा-लेखकोए चेटर्जी साथे पोतानी तपासमां जोडावा माटे स्पष्ट ना पाडी हती अने आम तेओ पश्चिमना प्रेसमां टीकात्मक लखाण सामे पोतानी जातनो बचाव करवामां निष्फळ रह्यां हतां. ब्रिटिनना ध गार्डियन मां प्रकाशित थयेल अहेवालनुं उदाहरण टांक्युं हतुं,"तेमनां अनाथालयोनी स्थितिनी कडक (अने विगतवार) समीक्षा करवामां आवी हती. . . (जेमां) शारीरिक अने भावनात्मक दुरुपयोग अने सदंतर उपेक्षाना आरोपनो समावेश थतो हतो", अने आ उपरांत युरोपना देशोमां मधर टेरेसाः टाईम फोर चेन्ज?
कोण मधर टेरेसाना "सनसनाटीवादी अभिगम"थी नाराज हता?
31
{ "answer_start": [ 1086 ], "text": [ "अरुप चेटर्जी" ] }
" पोताना नोबल लेकचरमां आ ज विषय पर तेमणे वधु ऊंडाणपूर्वक वात करी हती, "मात्र गरीब देशोमां ज नहीं, पण आखा विश्वमां, पश्चिमना देशोमां पण मने गरीबी जोवा मळी छे, मिटाववी घणी वधु मुश्केल होय तेवी गरीबी. जयारे हुं गलीमां कोई भूखी व्यकितने जोउं छुं, तेने भातनी थाळी अने ब्रेडनो टुकडो आपुं छुं, त्यारे मने खबर छे के में तेनी भूख संतोषी दीधी छे, ए भूख दूर करी छे. पण जेना होठ सीवेला छे अने जे अंदरथी पोतानी जातने वणजोईती के प्रेमना अभावथी घेरायेली, भयग्रस्त अनुभवे छे, ए व्यकित के जे पोताने समाजमांथी बहार फेंकायेली अनुभवे छे- आ गरीबी एटली नुकसानकारक छे अने एटली बधी छे के मने तेने दूर करवी घणी मुश्केल लागे छे. " तेमणे गर्भपातने पण "विश्वमां शांतिना सौथी मोटा विध्वंसक" तरीके ओळखाव्यो हतो. तेमना जीवनना अंत समयनी आसपास, पश्चिमना प्रसार-माध्यमोमां मधर टेरेसा अंगे थोडुं नकारात्मक प्रगट थयुं हतुं. पत्रकार क्रिस्टोफर हिचेन्स तेमना सौथी सक्रिय टीकाकारोमांना एक हता. ब्रिटिश चेनल 4 माटे मधर टेरेसा पर हेल्स एन्जल (नरक-दूत) नामनुं दस्तावेजी चित्रना लेखन अने कथन माटे सह-लेखकनी कामगीरी क्रिस्टोफरने सोंपवामां आवी हती, आ प्रकारनी फिल्म बनाववी जोईए एवुं अरुप चेटर्जीनुं प्रोत्साहन हतुं पण अंतिम फिल्म जोईने अरुप चेटर्जी तेना "सनसनाटीयुकत अभिगम"थी नाराज हता. 1995मां हिचेन्से ध मिशनरी पोझिशन नामना पोताना पुस्तकमां पोतानी टीकाओने विस्तारपूर्वक आलेखी. चेटर्जीए लख्या मुजब, जयारे मधर टेरेसा जीवित हतां त्यारे पण तेमणे अने तेमना अधिकृत जीवनकथा-लेखकोए चेटर्जी साथे पोतानी तपासमां जोडावा माटे स्पष्ट ना पाडी हती अने आम तेओ पश्चिमना प्रेसमां टीकात्मक लखाण सामे पोतानी जातनो बचाव करवामां निष्फळ रह्यां हतां. ब्रिटिनना ध गार्डियन मां प्रकाशित थयेल अहेवालनुं उदाहरण टांक्युं हतुं,"तेमनां अनाथालयोनी स्थितिनी कडक (अने विगतवार) समीक्षा करवामां आवी हती. . . (जेमां) शारीरिक अने भावनात्मक दुरुपयोग अने सदंतर उपेक्षाना आरोपनो समावेश थतो हतो", अने आ उपरांत युरोपना देशोमां मधर टेरेसाः टाईम फोर चेन्ज?
युरोपना देशोमां मधर टेरेसा पर बीजी रिलीझ थयेली डोक्युमेन्टरीनुं नाम शुं हतुं?
32
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
"अहींया, आज शहेरमां, जलियांवाला बागमां थयेली खूनरेजी वखते हिंदु, शिख अने मुस्लमानोनुं लोही एक थईने वह्युं हतु. हुं ए विचारतां शोक अनुभवुं छुं के परिस्थिति एवी वणसी छे के कोई मुसलमान अमृतसरमां फरी नथी शकतो के पछी कोई हिंदु के शिख लाहोरमां रहेवानुं विचारी नथी शकतो. निर्दोष अने अरक्षित पुरुषो, महीलाओ तेमज बाळकोनी कत्लेआम शुरविर माणसोने छाजती नथी. मने खातरी छे के भारतनुं हित एमांज छे के तेना पुरुषो अने स्त्रीओने सरहद पारथी सुखरुप भारतमां लई आववा तेमज पुर्व पंजाबमांथी बधा मुस्लमानोने सरहद पार मोकलवा. हुं तमारी पासे एक खास अरजी लईने आव्यो छुं. शहेर पार करता मुस्लमानोनी सलामतीनी बांहेधरी आपो. तेमा उभी थती कोईपण रुकावटो अने कठणाईओ आपणा शरणार्थीओनी, के जेओ सहनशिलतानी अद्दभुत कामगीरी बजावी रह्या छे, परिस्थिति वधु खराब करशे. आपणे लडवुं छे, पण ते लडाई चोख्खी होवी जोईए. अने ते लडाई माटे अनूकुळ समय अने परिस्थितिनी राह जोवी जोईए तेमज तेना कारणो के जग्यानी पसंदगी करती वखते खास ध्यान राखवुं जोईए. शरणार्थी साथेनी लडाई ते कांई लडाई न गणाय कोईपण सभ्य माणसो वच्चेना माणसाई के लडाई लगता कायदाओ शरण अने रक्षण मांगता लोकोना कत्लेआमने मान्यता नथी आपता. त्रण महीना माटे युद्धविराम थवा दो के जे दरम्यान बन्ने तरफथी शरणार्थीओनी आप-ले पुरी पाडी शकाय. आ जातना युद्धविरामने तो युद्धना कायदा हेठळ पण मान्यता छे. हुमला अने वळता हुमलाना आ अन्योन्याश्रयी घटनाक्रमने तोडवा माटे आपणे पहेल करीए.
क्यां मुस्लिमोने सरहद पार मोकलवानुं भारतना हितमां छे?
33
{ "answer_start": [ 448 ], "text": [ "पुर्व पंजाबमांथी बधा मुस्लमानोने" ] }
"अहींया, आज शहेरमां, जलियांवाला बागमां थयेली खूनरेजी वखते हिंदु, शिख अने मुस्लमानोनुं लोही एक थईने वह्युं हतु. हुं ए विचारतां शोक अनुभवुं छुं के परिस्थिति एवी वणसी छे के कोई मुसलमान अमृतसरमां फरी नथी शकतो के पछी कोई हिंदु के शिख लाहोरमां रहेवानुं विचारी नथी शकतो. निर्दोष अने अरक्षित पुरुषो, महीलाओ तेमज बाळकोनी कत्लेआम शुरविर माणसोने छाजती नथी. मने खातरी छे के भारतनुं हित एमांज छे के तेना पुरुषो अने स्त्रीओने सरहद पारथी सुखरुप भारतमां लई आववा तेमज पुर्व पंजाबमांथी बधा मुस्लमानोने सरहद पार मोकलवा. हुं तमारी पासे एक खास अरजी लईने आव्यो छुं. शहेर पार करता मुस्लमानोनी सलामतीनी बांहेधरी आपो. तेमा उभी थती कोईपण रुकावटो अने कठणाईओ आपणा शरणार्थीओनी, के जेओ सहनशिलतानी अद्दभुत कामगीरी बजावी रह्या छे, परिस्थिति वधु खराब करशे. आपणे लडवुं छे, पण ते लडाई चोख्खी होवी जोईए. अने ते लडाई माटे अनूकुळ समय अने परिस्थितिनी राह जोवी जोईए तेमज तेना कारणो के जग्यानी पसंदगी करती वखते खास ध्यान राखवुं जोईए. शरणार्थी साथेनी लडाई ते कांई लडाई न गणाय कोईपण सभ्य माणसो वच्चेना माणसाई के लडाई लगता कायदाओ शरण अने रक्षण मांगता लोकोना कत्लेआमने मान्यता नथी आपता. त्रण महीना माटे युद्धविराम थवा दो के जे दरम्यान बन्ने तरफथी शरणार्थीओनी आप-ले पुरी पाडी शकाय. आ जातना युद्धविरामने तो युद्धना कायदा हेठळ पण मान्यता छे. हुमला अने वळता हुमलाना आ अन्योन्याश्रयी घटनाक्रमने तोडवा माटे आपणे पहेल करीए.
केटला महिना माटे युद्धविरामनी मंजूरी आपवानी हती?
34
{ "answer_start": [ 1032 ], "text": [ "त्रण महीना" ] }
"अहींया, आज शहेरमां, जलियांवाला बागमां थयेली खूनरेजी वखते हिंदु, शिख अने मुस्लमानोनुं लोही एक थईने वह्युं हतु. हुं ए विचारतां शोक अनुभवुं छुं के परिस्थिति एवी वणसी छे के कोई मुसलमान अमृतसरमां फरी नथी शकतो के पछी कोई हिंदु के शिख लाहोरमां रहेवानुं विचारी नथी शकतो. निर्दोष अने अरक्षित पुरुषो, महीलाओ तेमज बाळकोनी कत्लेआम शुरविर माणसोने छाजती नथी. मने खातरी छे के भारतनुं हित एमांज छे के तेना पुरुषो अने स्त्रीओने सरहद पारथी सुखरुप भारतमां लई आववा तेमज पुर्व पंजाबमांथी बधा मुस्लमानोने सरहद पार मोकलवा. हुं तमारी पासे एक खास अरजी लईने आव्यो छुं. शहेर पार करता मुस्लमानोनी सलामतीनी बांहेधरी आपो. तेमा उभी थती कोईपण रुकावटो अने कठणाईओ आपणा शरणार्थीओनी, के जेओ सहनशिलतानी अद्दभुत कामगीरी बजावी रह्या छे, परिस्थिति वधु खराब करशे. आपणे लडवुं छे, पण ते लडाई चोख्खी होवी जोईए. अने ते लडाई माटे अनूकुळ समय अने परिस्थितिनी राह जोवी जोईए तेमज तेना कारणो के जग्यानी पसंदगी करती वखते खास ध्यान राखवुं जोईए. शरणार्थी साथेनी लडाई ते कांई लडाई न गणाय कोईपण सभ्य माणसो वच्चेना माणसाई के लडाई लगता कायदाओ शरण अने रक्षण मांगता लोकोना कत्लेआमने मान्यता नथी आपता. त्रण महीना माटे युद्धविराम थवा दो के जे दरम्यान बन्ने तरफथी शरणार्थीओनी आप-ले पुरी पाडी शकाय. आ जातना युद्धविरामने तो युद्धना कायदा हेठळ पण मान्यता छे. हुमला अने वळता हुमलाना आ अन्योन्याश्रयी घटनाक्रमने तोडवा माटे आपणे पहेल करीए.
कोनी साथेनुं युद्ध ए युद्ध नथी?
35
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
"अहींया, आज शहेरमां, जलियांवाला बागमां थयेली खूनरेजी वखते हिंदु, शिख अने मुस्लमानोनुं लोही एक थईने वह्युं हतु. हुं ए विचारतां शोक अनुभवुं छुं के परिस्थिति एवी वणसी छे के कोई मुसलमान अमृतसरमां फरी नथी शकतो के पछी कोई हिंदु के शिख लाहोरमां रहेवानुं विचारी नथी शकतो. निर्दोष अने अरक्षित पुरुषो, महीलाओ तेमज बाळकोनी कत्लेआम शुरविर माणसोने छाजती नथी. मने खातरी छे के भारतनुं हित एमांज छे के तेना पुरुषो अने स्त्रीओने सरहद पारथी सुखरुप भारतमां लई आववा तेमज पुर्व पंजाबमांथी बधा मुस्लमानोने सरहद पार मोकलवा. हुं तमारी पासे एक खास अरजी लईने आव्यो छुं. शहेर पार करता मुस्लमानोनी सलामतीनी बांहेधरी आपो. तेमा उभी थती कोईपण रुकावटो अने कठणाईओ आपणा शरणार्थीओनी, के जेओ सहनशिलतानी अद्दभुत कामगीरी बजावी रह्या छे, परिस्थिति वधु खराब करशे. आपणे लडवुं छे, पण ते लडाई चोख्खी होवी जोईए. अने ते लडाई माटे अनूकुळ समय अने परिस्थितिनी राह जोवी जोईए तेमज तेना कारणो के जग्यानी पसंदगी करती वखते खास ध्यान राखवुं जोईए. शरणार्थी साथेनी लडाई ते कांई लडाई न गणाय कोईपण सभ्य माणसो वच्चेना माणसाई के लडाई लगता कायदाओ शरण अने रक्षण मांगता लोकोना कत्लेआमने मान्यता नथी आपता. त्रण महीना माटे युद्धविराम थवा दो के जे दरम्यान बन्ने तरफथी शरणार्थीओनी आप-ले पुरी पाडी शकाय. आ जातना युद्धविरामने तो युद्धना कायदा हेठळ पण मान्यता छे. हुमला अने वळता हुमलाना आ अन्योन्याश्रयी घटनाक्रमने तोडवा माटे आपणे पहेल करीए.
स्वयंसेवकोनी मददथी, शरणार्थीओ माटे मार्ग मोकळो करीने कया देशना शरणार्थीओने आपणी सरहद पर पहोंचवा देवाना हता?
36
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
"अहींया, आज शहेरमां, जलियांवाला बागमां थयेली खूनरेजी वखते हिंदु, शिख अने मुस्लमानोनुं लोही एक थईने वह्युं हतु. हुं ए विचारतां शोक अनुभवुं छुं के परिस्थिति एवी वणसी छे के कोई मुसलमान अमृतसरमां फरी नथी शकतो के पछी कोई हिंदु के शिख लाहोरमां रहेवानुं विचारी नथी शकतो. निर्दोष अने अरक्षित पुरुषो, महीलाओ तेमज बाळकोनी कत्लेआम शुरविर माणसोने छाजती नथी. मने खातरी छे के भारतनुं हित एमांज छे के तेना पुरुषो अने स्त्रीओने सरहद पारथी सुखरुप भारतमां लई आववा तेमज पुर्व पंजाबमांथी बधा मुस्लमानोने सरहद पार मोकलवा. हुं तमारी पासे एक खास अरजी लईने आव्यो छुं. शहेर पार करता मुस्लमानोनी सलामतीनी बांहेधरी आपो. तेमा उभी थती कोईपण रुकावटो अने कठणाईओ आपणा शरणार्थीओनी, के जेओ सहनशिलतानी अद्दभुत कामगीरी बजावी रह्या छे, परिस्थिति वधु खराब करशे. आपणे लडवुं छे, पण ते लडाई चोख्खी होवी जोईए. अने ते लडाई माटे अनूकुळ समय अने परिस्थितिनी राह जोवी जोईए तेमज तेना कारणो के जग्यानी पसंदगी करती वखते खास ध्यान राखवुं जोईए. शरणार्थी साथेनी लडाई ते कांई लडाई न गणाय कोईपण सभ्य माणसो वच्चेना माणसाई के लडाई लगता कायदाओ शरण अने रक्षण मांगता लोकोना कत्लेआमने मान्यता नथी आपता. त्रण महीना माटे युद्धविराम थवा दो के जे दरम्यान बन्ने तरफथी शरणार्थीओनी आप-ले पुरी पाडी शकाय. आ जातना युद्धविरामने तो युद्धना कायदा हेठळ पण मान्यता छे. हुमला अने वळता हुमलाना आ अन्योन्याश्रयी घटनाक्रमने तोडवा माटे आपणे पहेल करीए.
हिन्दुओ, शीख अने मुस्लिमोनुं लोही क्यां हत्याकांड दरमियान एक साथे आव्युं हतुं?
37
{ "answer_start": [ 45 ], "text": [ "खूनरेजी" ] }
"अहींया, आज शहेरमां, जलियांवाला बागमां थयेली खूनरेजी वखते हिंदु, शिख अने मुस्लमानोनुं लोही एक थईने वह्युं हतु. हुं ए विचारतां शोक अनुभवुं छुं के परिस्थिति एवी वणसी छे के कोई मुसलमान अमृतसरमां फरी नथी शकतो के पछी कोई हिंदु के शिख लाहोरमां रहेवानुं विचारी नथी शकतो. निर्दोष अने अरक्षित पुरुषो, महीलाओ तेमज बाळकोनी कत्लेआम शुरविर माणसोने छाजती नथी. मने खातरी छे के भारतनुं हित एमांज छे के तेना पुरुषो अने स्त्रीओने सरहद पारथी सुखरुप भारतमां लई आववा तेमज पुर्व पंजाबमांथी बधा मुस्लमानोने सरहद पार मोकलवा. हुं तमारी पासे एक खास अरजी लईने आव्यो छुं. शहेर पार करता मुस्लमानोनी सलामतीनी बांहेधरी आपो. तेमा उभी थती कोईपण रुकावटो अने कठणाईओ आपणा शरणार्थीओनी, के जेओ सहनशिलतानी अद्दभुत कामगीरी बजावी रह्या छे, परिस्थिति वधु खराब करशे. आपणे लडवुं छे, पण ते लडाई चोख्खी होवी जोईए. अने ते लडाई माटे अनूकुळ समय अने परिस्थितिनी राह जोवी जोईए तेमज तेना कारणो के जग्यानी पसंदगी करती वखते खास ध्यान राखवुं जोईए. शरणार्थी साथेनी लडाई ते कांई लडाई न गणाय कोईपण सभ्य माणसो वच्चेना माणसाई के लडाई लगता कायदाओ शरण अने रक्षण मांगता लोकोना कत्लेआमने मान्यता नथी आपता. त्रण महीना माटे युद्धविराम थवा दो के जे दरम्यान बन्ने तरफथी शरणार्थीओनी आप-ले पुरी पाडी शकाय. आ जातना युद्धविरामने तो युद्धना कायदा हेठळ पण मान्यता छे. हुमला अने वळता हुमलाना आ अन्योन्याश्रयी घटनाक्रमने तोडवा माटे आपणे पहेल करीए.
केटला समय सुधी हाथने उपर पकडी राखवानुं कह्युं हतुं?
38
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
"तेल खीण संस्कृति" ए कालाहान्डी, बालणगीर, कोरापुट (KBK) क्षेत्रमां विक्सेली एक् भव्य संस्कृति तरफ ध्यान दोरे छे, तेना पर संसोधन चालु छे. पुराताविक अवशेषो द्वारा अहीं २००० वर्ष पहेलां वसवाट करनार शहेरी संस्कृतिना चिह्नो मळ्यां छे. असुर गढ आ क्षेत्रनी राजधानी हती. कालाहान्डी कोरापुट अने बस्तर ए रामायण अने महाभारतमां वर्णववामां आवेला कान्तरा क्षेत्रनो एक भाग छे. चोथी सदीमां आ क्षेत्रने ईन्द्रवन कहेवातुं, केमके आ क्षेत्रमांथी मौर्य खजानाना हीरा अने मूल्यवान रत्नो अहींथी मेळवाता. मौर्य शासक अशोक ना समय दरम्यान कालाहान्डी, कोरापुट अने बस्तरेअना क्षेत्रने अरवी भूमि तरीके ओळखवामां आवतो हतो.
पुरातत्वविदोने केटला वर्ष जूनी शहेरी संस्कृतिना निशान मळ्या छे?
39
{ "answer_start": [ 165 ], "text": [ "२०००" ] }
"तेल खीण संस्कृति" ए कालाहान्डी, बालणगीर, कोरापुट (KBK) क्षेत्रमां विक्सेली एक् भव्य संस्कृति तरफ ध्यान दोरे छे, तेना पर संसोधन चालु छे. पुराताविक अवशेषो द्वारा अहीं २००० वर्ष पहेलां वसवाट करनार शहेरी संस्कृतिना चिह्नो मळ्यां छे. असुर गढ आ क्षेत्रनी राजधानी हती. कालाहान्डी कोरापुट अने बस्तर ए रामायण अने महाभारतमां वर्णववामां आवेला कान्तरा क्षेत्रनो एक भाग छे. चोथी सदीमां आ क्षेत्रने ईन्द्रवन कहेवातुं, केमके आ क्षेत्रमांथी मौर्य खजानाना हीरा अने मूल्यवान रत्नो अहींथी मेळवाता. मौर्य शासक अशोक ना समय दरम्यान कालाहान्डी, कोरापुट अने बस्तरेअना क्षेत्रने अरवी भूमि तरीके ओळखवामां आवतो हतो.
रामायण अने महाभारतमां वर्णवेल कंटार क्षेत्रनो भाग कयो छे?
40
{ "answer_start": [ 260 ], "text": [ "कालाहान्डी कोरापुट अने बस्तर" ] }
"तेल खीण संस्कृति" ए कालाहान्डी, बालणगीर, कोरापुट (KBK) क्षेत्रमां विक्सेली एक् भव्य संस्कृति तरफ ध्यान दोरे छे, तेना पर संसोधन चालु छे. पुराताविक अवशेषो द्वारा अहीं २००० वर्ष पहेलां वसवाट करनार शहेरी संस्कृतिना चिह्नो मळ्यां छे. असुर गढ आ क्षेत्रनी राजधानी हती. कालाहान्डी कोरापुट अने बस्तर ए रामायण अने महाभारतमां वर्णववामां आवेला कान्तरा क्षेत्रनो एक भाग छे. चोथी सदीमां आ क्षेत्रने ईन्द्रवन कहेवातुं, केमके आ क्षेत्रमांथी मौर्य खजानाना हीरा अने मूल्यवान रत्नो अहींथी मेळवाता. मौर्य शासक अशोक ना समय दरम्यान कालाहान्डी, कोरापुट अने बस्तरेअना क्षेत्रने अरवी भूमि तरीके ओळखवामां आवतो हतो.
कई संस्कृति कालाहांडी, बालांगीर, कोरापुट प्रदेशमां विक्सेली भव्य संस्कृति तरफ ध्यान खेंचे छे?
41
{ "answer_start": [ 1 ], "text": [ "तेल खीण संस्कृति" ] }
"तेल खीण संस्कृति" ए कालाहान्डी, बालणगीर, कोरापुट (KBK) क्षेत्रमां विक्सेली एक् भव्य संस्कृति तरफ ध्यान दोरे छे, तेना पर संसोधन चालु छे. पुराताविक अवशेषो द्वारा अहीं २००० वर्ष पहेलां वसवाट करनार शहेरी संस्कृतिना चिह्नो मळ्यां छे. असुर गढ आ क्षेत्रनी राजधानी हती. कालाहान्डी कोरापुट अने बस्तर ए रामायण अने महाभारतमां वर्णववामां आवेला कान्तरा क्षेत्रनो एक भाग छे. चोथी सदीमां आ क्षेत्रने ईन्द्रवन कहेवातुं, केमके आ क्षेत्रमांथी मौर्य खजानाना हीरा अने मूल्यवान रत्नो अहींथी मेळवाता. मौर्य शासक अशोक ना समय दरम्यान कालाहान्डी, कोरापुट अने बस्तरेअना क्षेत्रने अरवी भूमि तरीके ओळखवामां आवतो हतो.
कई सदीमां असुरगढ महाकंटारा साम्राज्यनी राजधानी हती?
42
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
"तेल खीण संस्कृति" ए कालाहान्डी, बालणगीर, कोरापुट (KBK) क्षेत्रमां विक्सेली एक् भव्य संस्कृति तरफ ध्यान दोरे छे, तेना पर संसोधन चालु छे. पुराताविक अवशेषो द्वारा अहीं २००० वर्ष पहेलां वसवाट करनार शहेरी संस्कृतिना चिह्नो मळ्यां छे. असुर गढ आ क्षेत्रनी राजधानी हती. कालाहान्डी कोरापुट अने बस्तर ए रामायण अने महाभारतमां वर्णववामां आवेला कान्तरा क्षेत्रनो एक भाग छे. चोथी सदीमां आ क्षेत्रने ईन्द्रवन कहेवातुं, केमके आ क्षेत्रमांथी मौर्य खजानाना हीरा अने मूल्यवान रत्नो अहींथी मेळवाता. मौर्य शासक अशोक ना समय दरम्यान कालाहान्डी, कोरापुट अने बस्तरेअना क्षेत्रने अरवी भूमि तरीके ओळखवामां आवतो हतो.
कोने 2,000 वर्ष जूनी शहेरी संस्कृतिना निशान मळ्या छे?
43
{ "answer_start": [ 136 ], "text": [ "पुराताविक" ] }
"तेल खीण संस्कृति" ए कालाहान्डी, बालणगीर, कोरापुट (KBK) क्षेत्रमां विक्सेली एक् भव्य संस्कृति तरफ ध्यान दोरे छे, तेना पर संसोधन चालु छे. पुराताविक अवशेषो द्वारा अहीं २००० वर्ष पहेलां वसवाट करनार शहेरी संस्कृतिना चिह्नो मळ्यां छे. असुर गढ आ क्षेत्रनी राजधानी हती. कालाहान्डी कोरापुट अने बस्तर ए रामायण अने महाभारतमां वर्णववामां आवेला कान्तरा क्षेत्रनो एक भाग छे. चोथी सदीमां आ क्षेत्रने ईन्द्रवन कहेवातुं, केमके आ क्षेत्रमांथी मौर्य खजानाना हीरा अने मूल्यवान रत्नो अहींथी मेळवाता. मौर्य शासक अशोक ना समय दरम्यान कालाहान्डी, कोरापुट अने बस्तरेअना क्षेत्रने अरवी भूमि तरीके ओळखवामां आवतो हतो.
चोथी सदीमां असुरगढ क्या साम्राज्यनी राजधानी हती?
44
{ "answer_start": [ 575 ], "text": [ "आवतो" ] }
"तेल खीण संस्कृति" ए कालाहान्डी, बालणगीर, कोरापुट (KBK) क्षेत्रमां विक्सेली एक् भव्य संस्कृति तरफ ध्यान दोरे छे, तेना पर संसोधन चालु छे. पुराताविक अवशेषो द्वारा अहीं २००० वर्ष पहेलां वसवाट करनार शहेरी संस्कृतिना चिह्नो मळ्यां छे. असुर गढ आ क्षेत्रनी राजधानी हती. कालाहान्डी कोरापुट अने बस्तर ए रामायण अने महाभारतमां वर्णववामां आवेला कान्तरा क्षेत्रनो एक भाग छे. चोथी सदीमां आ क्षेत्रने ईन्द्रवन कहेवातुं, केमके आ क्षेत्रमांथी मौर्य खजानाना हीरा अने मूल्यवान रत्नो अहींथी मेळवाता. मौर्य शासक अशोक ना समय दरम्यान कालाहान्डी, कोरापुट अने बस्तरेअना क्षेत्रने अरवी भूमि तरीके ओळखवामां आवतो हतो.
इन्द्रवन तरीके ओळखाता प्रदेशनी राजधानी कई हती?
45
{ "answer_start": [ 228 ], "text": [ "असुर गढ" ] }
"हुं आपणा भाईओनो (मुस्लिम बहुमतीवाळा विस्तारमां वसता) डर समजी शकुं छुं. कोईने भारतना भागला थाय ते गमतुं नथी. मारुं ह्रदय पण भारे छे. पण अत्यारे पसंदगी एक भागला के पछी घणा भागलाओ वच्चे छे. आपणे तथ्यनो सामनो करवो जोईए. आपणे भावनात्मक्ता तथा लागणीप्रधानताने आधीन न थवुं जोईए. कार्यकारी समितिए डरीने आ पगलुं नथी भर्युं. पण मने एकज वातनो डर छे के आपणा आटला वर्षोनो परीश्रम तथा सखत महेनत एळे जशे अने फळद्रुप पुरवार नहीं थाय. मारी ९ महीनानी कार्यकारी अवधी दरम्यान कॅबिनेट मिशननी योजनाना कहेवाता फायदाओ तरफनो भ्रम भांगी चुक्यो छे. अमुक आदरणीय अपवादोने बाद करता, उपरना अमलदारोथी लईने नीचेना चपरासी सुधीना बधाज मुस्लिमो मुस्लिम लीग माटे काम करी रह्या छे. मिशन द्वारा मुस्लिम लीगने अपायेला सांप्रदायिक विटोए (ठराव नामंजुर करवानो मताधिकार) दरेक स्तरे भारतनी प्रगती अटकावी होत. आपणने गमे के नहीं, पण पंजाब अने बंगाळमां अनौपचारिक पाकिस्तान अत्यारे पण मोजुद छे ज. अने आ परिस्थितिमां हुं एक औपयारिक पाकिस्ताननी पसंदगी करीश के जेनाथी मुस्लिम लीग कदाच वधु जवाबदार बनशे.
मिशन द्वारा मुस्लिम लीगने शुं आपवामां आव्युं हतुं?
46
{ "answer_start": [ 669 ], "text": [ "सांप्रदायिक विटो" ] }
"हुं आपणा भाईओनो (मुस्लिम बहुमतीवाळा विस्तारमां वसता) डर समजी शकुं छुं. कोईने भारतना भागला थाय ते गमतुं नथी. मारुं ह्रदय पण भारे छे. पण अत्यारे पसंदगी एक भागला के पछी घणा भागलाओ वच्चे छे. आपणे तथ्यनो सामनो करवो जोईए. आपणे भावनात्मक्ता तथा लागणीप्रधानताने आधीन न थवुं जोईए. कार्यकारी समितिए डरीने आ पगलुं नथी भर्युं. पण मने एकज वातनो डर छे के आपणा आटला वर्षोनो परीश्रम तथा सखत महेनत एळे जशे अने फळद्रुप पुरवार नहीं थाय. मारी ९ महीनानी कार्यकारी अवधी दरम्यान कॅबिनेट मिशननी योजनाना कहेवाता फायदाओ तरफनो भ्रम भांगी चुक्यो छे. अमुक आदरणीय अपवादोने बाद करता, उपरना अमलदारोथी लईने नीचेना चपरासी सुधीना बधाज मुस्लिमो मुस्लिम लीग माटे काम करी रह्या छे. मिशन द्वारा मुस्लिम लीगने अपायेला सांप्रदायिक विटोए (ठराव नामंजुर करवानो मताधिकार) दरेक स्तरे भारतनी प्रगती अटकावी होत. आपणने गमे के नहीं, पण पंजाब अने बंगाळमां अनौपचारिक पाकिस्तान अत्यारे पण मोजुद छे ज. अने आ परिस्थितिमां हुं एक औपयारिक पाकिस्ताननी पसंदगी करीश के जेनाथी मुस्लिम लीग कदाच वधु जवाबदार बनशे.
सरदारना मते आपणे शेनो सामनो करवो पडशे?
47
{ "answer_start": [ 189 ], "text": [ "तथ्यनो" ] }
"हुं आपणा भाईओनो (मुस्लिम बहुमतीवाळा विस्तारमां वसता) डर समजी शकुं छुं. कोईने भारतना भागला थाय ते गमतुं नथी. मारुं ह्रदय पण भारे छे. पण अत्यारे पसंदगी एक भागला के पछी घणा भागलाओ वच्चे छे. आपणे तथ्यनो सामनो करवो जोईए. आपणे भावनात्मक्ता तथा लागणीप्रधानताने आधीन न थवुं जोईए. कार्यकारी समितिए डरीने आ पगलुं नथी भर्युं. पण मने एकज वातनो डर छे के आपणा आटला वर्षोनो परीश्रम तथा सखत महेनत एळे जशे अने फळद्रुप पुरवार नहीं थाय. मारी ९ महीनानी कार्यकारी अवधी दरम्यान कॅबिनेट मिशननी योजनाना कहेवाता फायदाओ तरफनो भ्रम भांगी चुक्यो छे. अमुक आदरणीय अपवादोने बाद करता, उपरना अमलदारोथी लईने नीचेना चपरासी सुधीना बधाज मुस्लिमो मुस्लिम लीग माटे काम करी रह्या छे. मिशन द्वारा मुस्लिम लीगने अपायेला सांप्रदायिक विटोए (ठराव नामंजुर करवानो मताधिकार) दरेक स्तरे भारतनी प्रगती अटकावी होत. आपणने गमे के नहीं, पण पंजाब अने बंगाळमां अनौपचारिक पाकिस्तान अत्यारे पण मोजुद छे ज. अने आ परिस्थितिमां हुं एक औपयारिक पाकिस्ताननी पसंदगी करीश के जेनाथी मुस्लिम लीग कदाच वधु जवाबदार बनशे.
75-80 टका सिवायनो बाकीनो देश कोना द्वारा विकसावी शकाय छे?
48
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
"हुं आपणा भाईओनो (मुस्लिम बहुमतीवाळा विस्तारमां वसता) डर समजी शकुं छुं. कोईने भारतना भागला थाय ते गमतुं नथी. मारुं ह्रदय पण भारे छे. पण अत्यारे पसंदगी एक भागला के पछी घणा भागलाओ वच्चे छे. आपणे तथ्यनो सामनो करवो जोईए. आपणे भावनात्मक्ता तथा लागणीप्रधानताने आधीन न थवुं जोईए. कार्यकारी समितिए डरीने आ पगलुं नथी भर्युं. पण मने एकज वातनो डर छे के आपणा आटला वर्षोनो परीश्रम तथा सखत महेनत एळे जशे अने फळद्रुप पुरवार नहीं थाय. मारी ९ महीनानी कार्यकारी अवधी दरम्यान कॅबिनेट मिशननी योजनाना कहेवाता फायदाओ तरफनो भ्रम भांगी चुक्यो छे. अमुक आदरणीय अपवादोने बाद करता, उपरना अमलदारोथी लईने नीचेना चपरासी सुधीना बधाज मुस्लिमो मुस्लिम लीग माटे काम करी रह्या छे. मिशन द्वारा मुस्लिम लीगने अपायेला सांप्रदायिक विटोए (ठराव नामंजुर करवानो मताधिकार) दरेक स्तरे भारतनी प्रगती अटकावी होत. आपणने गमे के नहीं, पण पंजाब अने बंगाळमां अनौपचारिक पाकिस्तान अत्यारे पण मोजुद छे ज. अने आ परिस्थितिमां हुं एक औपयारिक पाकिस्ताननी पसंदगी करीश के जेनाथी मुस्लिम लीग कदाच वधु जवाबदार बनशे.
भारतनो 75-80 टका हिस्सो शेनी मददथी वधु मजबूत बनावाशे?
49
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
"हुं आपणा भाईओनो (मुस्लिम बहुमतीवाळा विस्तारमां वसता) डर समजी शकुं छुं. कोईने भारतना भागला थाय ते गमतुं नथी. मारुं ह्रदय पण भारे छे. पण अत्यारे पसंदगी एक भागला के पछी घणा भागलाओ वच्चे छे. आपणे तथ्यनो सामनो करवो जोईए. आपणे भावनात्मक्ता तथा लागणीप्रधानताने आधीन न थवुं जोईए. कार्यकारी समितिए डरीने आ पगलुं नथी भर्युं. पण मने एकज वातनो डर छे के आपणा आटला वर्षोनो परीश्रम तथा सखत महेनत एळे जशे अने फळद्रुप पुरवार नहीं थाय. मारी ९ महीनानी कार्यकारी अवधी दरम्यान कॅबिनेट मिशननी योजनाना कहेवाता फायदाओ तरफनो भ्रम भांगी चुक्यो छे. अमुक आदरणीय अपवादोने बाद करता, उपरना अमलदारोथी लईने नीचेना चपरासी सुधीना बधाज मुस्लिमो मुस्लिम लीग माटे काम करी रह्या छे. मिशन द्वारा मुस्लिम लीगने अपायेला सांप्रदायिक विटोए (ठराव नामंजुर करवानो मताधिकार) दरेक स्तरे भारतनी प्रगती अटकावी होत. आपणने गमे के नहीं, पण पंजाब अने बंगाळमां अनौपचारिक पाकिस्तान अत्यारे पण मोजुद छे ज. अने आ परिस्थितिमां हुं एक औपयारिक पाकिस्ताननी पसंदगी करीश के जेनाथी मुस्लिम लीग कदाच वधु जवाबदार बनशे.
सरदारना 9 महिनाना कार्यकाळ दरमियान कया प्लानना कहेवाता लाभो अंगे मूंझवण दूर थई गई हती?
50
{ "answer_start": [ 449 ], "text": [ "कॅबिनेट मिशननी" ] }
"हुं आपणा भाईओनो (मुस्लिम बहुमतीवाळा विस्तारमां वसता) डर समजी शकुं छुं. कोईने भारतना भागला थाय ते गमतुं नथी. मारुं ह्रदय पण भारे छे. पण अत्यारे पसंदगी एक भागला के पछी घणा भागलाओ वच्चे छे. आपणे तथ्यनो सामनो करवो जोईए. आपणे भावनात्मक्ता तथा लागणीप्रधानताने आधीन न थवुं जोईए. कार्यकारी समितिए डरीने आ पगलुं नथी भर्युं. पण मने एकज वातनो डर छे के आपणा आटला वर्षोनो परीश्रम तथा सखत महेनत एळे जशे अने फळद्रुप पुरवार नहीं थाय. मारी ९ महीनानी कार्यकारी अवधी दरम्यान कॅबिनेट मिशननी योजनाना कहेवाता फायदाओ तरफनो भ्रम भांगी चुक्यो छे. अमुक आदरणीय अपवादोने बाद करता, उपरना अमलदारोथी लईने नीचेना चपरासी सुधीना बधाज मुस्लिमो मुस्लिम लीग माटे काम करी रह्या छे. मिशन द्वारा मुस्लिम लीगने अपायेला सांप्रदायिक विटोए (ठराव नामंजुर करवानो मताधिकार) दरेक स्तरे भारतनी प्रगती अटकावी होत. आपणने गमे के नहीं, पण पंजाब अने बंगाळमां अनौपचारिक पाकिस्तान अत्यारे पण मोजुद छे ज. अने आ परिस्थितिमां हुं एक औपयारिक पाकिस्ताननी पसंदगी करीश के जेनाथी मुस्लिम लीग कदाच वधु जवाबदार बनशे.
सरदारना केटला महिनाना कार्यकाळ दरमियान केबिनेट मिशन प्लानना कहेवाता लाभो अंगे मूंझवण दूर थई गई हती?
51
{ "answer_start": [ 416 ], "text": [ "९" ] }
"हुं आपणा भाईओनो (मुस्लिम बहुमतीवाळा विस्तारमां वसता) डर समजी शकुं छुं. कोईने भारतना भागला थाय ते गमतुं नथी. मारुं ह्रदय पण भारे छे. पण अत्यारे पसंदगी एक भागला के पछी घणा भागलाओ वच्चे छे. आपणे तथ्यनो सामनो करवो जोईए. आपणे भावनात्मक्ता तथा लागणीप्रधानताने आधीन न थवुं जोईए. कार्यकारी समितिए डरीने आ पगलुं नथी भर्युं. पण मने एकज वातनो डर छे के आपणा आटला वर्षोनो परीश्रम तथा सखत महेनत एळे जशे अने फळद्रुप पुरवार नहीं थाय. मारी ९ महीनानी कार्यकारी अवधी दरम्यान कॅबिनेट मिशननी योजनाना कहेवाता फायदाओ तरफनो भ्रम भांगी चुक्यो छे. अमुक आदरणीय अपवादोने बाद करता, उपरना अमलदारोथी लईने नीचेना चपरासी सुधीना बधाज मुस्लिमो मुस्लिम लीग माटे काम करी रह्या छे. मिशन द्वारा मुस्लिम लीगने अपायेला सांप्रदायिक विटोए (ठराव नामंजुर करवानो मताधिकार) दरेक स्तरे भारतनी प्रगती अटकावी होत. आपणने गमे के नहीं, पण पंजाब अने बंगाळमां अनौपचारिक पाकिस्तान अत्यारे पण मोजुद छे ज. अने आ परिस्थितिमां हुं एक औपयारिक पाकिस्ताननी पसंदगी करीश के जेनाथी मुस्लिम लीग कदाच वधु जवाबदार बनशे.
केटलाक माननीय अपवादोने बाद करतां टोचना अमलदारोथी मांडीने तळियाना पटावाळा सुधीना तमाम मुस्लिमो कोना माटे काम करी रह्या हता?
52
{ "answer_start": [ 601 ], "text": [ "मुस्लिम लीग" ] }
)थी 48 °C (118 °F) जेटलां रहे छे. तेनुं वार्षिक सरेराश तापमान 25° से. (77° फे. ) छे; तेनुं मासिक सरेराश तापमान 13°से. थी 32°से. (56° फे. थी 90° फे.
दिल्हीमां सरेराश वार्षिक तापमान केटला सेल्शियस होय छे?
53
{ "answer_start": [ 60 ], "text": [ "25° से." ] }
)थी 48 °C (118 °F) जेटलां रहे छे. तेनुं वार्षिक सरेराश तापमान 25° से. (77° फे. ) छे; तेनुं मासिक सरेराश तापमान 13°से. थी 32°से. (56° फे. थी 90° फे.
दिल्हीमां मोटाभागनो वरसाद क्यारे पडे छे?
54
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
)थी 48 °C (118 °F) जेटलां रहे छे. तेनुं वार्षिक सरेराश तापमान 25° से. (77° फे. ) छे; तेनुं मासिक सरेराश तापमान 13°से. थी 32°से. (56° फे. थी 90° फे.
48 C एटले अंदाजे केटला फेरनहिट थाय?
55
{ "answer_start": [ 11 ], "text": [ "118 °F" ] }
)थी 48 °C (118 °F) जेटलां रहे छे. तेनुं वार्षिक सरेराश तापमान 25° से. (77° फे. ) छे; तेनुं मासिक सरेराश तापमान 13°से. थी 32°से. (56° फे. थी 90° फे.
दिल्हीमां चोमासाना पवनो आववानी तारीख कई छे?
56
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
)थी 48 °C (118 °F) जेटलां रहे छे. तेनुं वार्षिक सरेराश तापमान 25° से. (77° फे. ) छे; तेनुं मासिक सरेराश तापमान 13°से. थी 32°से. (56° फे. थी 90° फे.
दिल्हीमां सरेराश वार्षिक वरसाद केटलो छे?
57
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
14 जुलाई 1927ना रोज टागोर अने तेमना केटलाक साथीओए चार महिनानी अग्नि एशियानी मुलाकात शरू करी जेमा तेमणे बाली, जावा, कुआलालुम्पूर, मलाक्का, पेनांग, सियाम, अने सिंगापूरनी मुलाकात लीधी हती. टागोरना प्रवासो "जात्री"नामना पूस्तकमां वर्णवामां आव्या छे. . 1930ना आरंभना काळमां एक वर्ष लांबी युरोप अने अमेरिकानी मुलाकात माटे बंगाळ छोड्युं हतुं. युकेमां परत फर्या बाद तेमना पेईन्टिंगने पेरीस अने लंडनमां प्रदर्शित करवामां आव्या हता जे दरमियान तेओ बर्मिंगहामना फ्रेन्डस सेटलमेन्टमां रह्या हता. त्यां टागोरे ओक्सफोर्ड युनिवर्सिटी माटे हिबर्ट प्रवचनो लख्या हता. ( जेमां व्यकितना आत्मानी अने भगवाननी वात हती. ) तेमणे लंडनना वार्षिक क्वेकर संमेलनने पण संबोधन कर्युं हतुं. त्यां ( ब्रिटिश अने भारत वच्चेना संबंधो पर बोल्या हता जे बे वर्ष सुधी चर्चा चाली हती. ), टागोरे "उंडी दूरनी खीण" अंगे प्रवचन आप्युं हतुं. तेमणे डार्टिन्गटन होल खाते रहेता आगा खान त्रीजानी मुलाकात लीधी हती. तेमणे डेनमार्क, स्वीट्झलेन्ड, अने जर्मनीनी 1930ना मध्य दरमियान जून अने सप्टेम्बर महिनामां मुलाकात लीधी आ बाद सोवियेट युनियननी मुलाकाते गया. अने छेल्ले एप्रिल 1932मां, पर्शियन रहस्यमयवादी हाफिझना लखाणोना प्रशंसक हता. तेवा टागोर ईरानना शाह रझा शाह पहेलवीना अंगत आमंत्रणने ध्यानमां राखीने ईराननी मुलाकात लीधी.
रविन्द्रनाथ टागोरे 1933 मां शेनी मुलाकात लीधी हती?
58
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
14 जुलाई 1927ना रोज टागोर अने तेमना केटलाक साथीओए चार महिनानी अग्नि एशियानी मुलाकात शरू करी जेमा तेमणे बाली, जावा, कुआलालुम्पूर, मलाक्का, पेनांग, सियाम, अने सिंगापूरनी मुलाकात लीधी हती. टागोरना प्रवासो "जात्री"नामना पूस्तकमां वर्णवामां आव्या छे. . 1930ना आरंभना काळमां एक वर्ष लांबी युरोप अने अमेरिकानी मुलाकात माटे बंगाळ छोड्युं हतुं. युकेमां परत फर्या बाद तेमना पेईन्टिंगने पेरीस अने लंडनमां प्रदर्शित करवामां आव्या हता जे दरमियान तेओ बर्मिंगहामना फ्रेन्डस सेटलमेन्टमां रह्या हता. त्यां टागोरे ओक्सफोर्ड युनिवर्सिटी माटे हिबर्ट प्रवचनो लख्या हता. ( जेमां व्यकितना आत्मानी अने भगवाननी वात हती. ) तेमणे लंडनना वार्षिक क्वेकर संमेलनने पण संबोधन कर्युं हतुं. त्यां ( ब्रिटिश अने भारत वच्चेना संबंधो पर बोल्या हता जे बे वर्ष सुधी चर्चा चाली हती. ), टागोरे "उंडी दूरनी खीण" अंगे प्रवचन आप्युं हतुं. तेमणे डार्टिन्गटन होल खाते रहेता आगा खान त्रीजानी मुलाकात लीधी हती. तेमणे डेनमार्क, स्वीट्झलेन्ड, अने जर्मनीनी 1930ना मध्य दरमियान जून अने सप्टेम्बर महिनामां मुलाकात लीधी आ बाद सोवियेट युनियननी मुलाकाते गया. अने छेल्ले एप्रिल 1932मां, पर्शियन रहस्यमयवादी हाफिझना लखाणोना प्रशंसक हता. तेवा टागोर ईरानना शाह रझा शाह पहेलवीना अंगत आमंत्रणने ध्यानमां राखीने ईराननी मुलाकात लीधी.
1930 ना दायकानी शरूआतमां, तेमणे युरोप अने अमेरिकाना एक वर्षना लांबा प्रवास माटे शुं छोडी दीधुं हतुं?
59
{ "answer_start": [ 315 ], "text": [ "बंगाळ" ] }
14 जुलाई 1927ना रोज टागोर अने तेमना केटलाक साथीओए चार महिनानी अग्नि एशियानी मुलाकात शरू करी जेमा तेमणे बाली, जावा, कुआलालुम्पूर, मलाक्का, पेनांग, सियाम, अने सिंगापूरनी मुलाकात लीधी हती. टागोरना प्रवासो "जात्री"नामना पूस्तकमां वर्णवामां आव्या छे. . 1930ना आरंभना काळमां एक वर्ष लांबी युरोप अने अमेरिकानी मुलाकात माटे बंगाळ छोड्युं हतुं. युकेमां परत फर्या बाद तेमना पेईन्टिंगने पेरीस अने लंडनमां प्रदर्शित करवामां आव्या हता जे दरमियान तेओ बर्मिंगहामना फ्रेन्डस सेटलमेन्टमां रह्या हता. त्यां टागोरे ओक्सफोर्ड युनिवर्सिटी माटे हिबर्ट प्रवचनो लख्या हता. ( जेमां व्यकितना आत्मानी अने भगवाननी वात हती. ) तेमणे लंडनना वार्षिक क्वेकर संमेलनने पण संबोधन कर्युं हतुं. त्यां ( ब्रिटिश अने भारत वच्चेना संबंधो पर बोल्या हता जे बे वर्ष सुधी चर्चा चाली हती. ), टागोरे "उंडी दूरनी खीण" अंगे प्रवचन आप्युं हतुं. तेमणे डार्टिन्गटन होल खाते रहेता आगा खान त्रीजानी मुलाकात लीधी हती. तेमणे डेनमार्क, स्वीट्झलेन्ड, अने जर्मनीनी 1930ना मध्य दरमियान जून अने सप्टेम्बर महिनामां मुलाकात लीधी आ बाद सोवियेट युनियननी मुलाकाते गया. अने छेल्ले एप्रिल 1932मां, पर्शियन रहस्यमयवादी हाफिझना लखाणोना प्रशंसक हता. तेवा टागोर ईरानना शाह रझा शाह पहेलवीना अंगत आमंत्रणने ध्यानमां राखीने ईराननी मुलाकात लीधी.
रविन्द्रनाथ टागोर सिलोन क्यारे गया हता?
60
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
14 जुलाई 1927ना रोज टागोर अने तेमना केटलाक साथीओए चार महिनानी अग्नि एशियानी मुलाकात शरू करी जेमा तेमणे बाली, जावा, कुआलालुम्पूर, मलाक्का, पेनांग, सियाम, अने सिंगापूरनी मुलाकात लीधी हती. टागोरना प्रवासो "जात्री"नामना पूस्तकमां वर्णवामां आव्या छे. . 1930ना आरंभना काळमां एक वर्ष लांबी युरोप अने अमेरिकानी मुलाकात माटे बंगाळ छोड्युं हतुं. युकेमां परत फर्या बाद तेमना पेईन्टिंगने पेरीस अने लंडनमां प्रदर्शित करवामां आव्या हता जे दरमियान तेओ बर्मिंगहामना फ्रेन्डस सेटलमेन्टमां रह्या हता. त्यां टागोरे ओक्सफोर्ड युनिवर्सिटी माटे हिबर्ट प्रवचनो लख्या हता. ( जेमां व्यकितना आत्मानी अने भगवाननी वात हती. ) तेमणे लंडनना वार्षिक क्वेकर संमेलनने पण संबोधन कर्युं हतुं. त्यां ( ब्रिटिश अने भारत वच्चेना संबंधो पर बोल्या हता जे बे वर्ष सुधी चर्चा चाली हती. ), टागोरे "उंडी दूरनी खीण" अंगे प्रवचन आप्युं हतुं. तेमणे डार्टिन्गटन होल खाते रहेता आगा खान त्रीजानी मुलाकात लीधी हती. तेमणे डेनमार्क, स्वीट्झलेन्ड, अने जर्मनीनी 1930ना मध्य दरमियान जून अने सप्टेम्बर महिनामां मुलाकात लीधी आ बाद सोवियेट युनियननी मुलाकाते गया. अने छेल्ले एप्रिल 1932मां, पर्शियन रहस्यमयवादी हाफिझना लखाणोना प्रशंसक हता. तेवा टागोर ईरानना शाह रझा शाह पहेलवीना अंगत आमंत्रणने ध्यानमां राखीने ईराननी मुलाकात लीधी.
टागोरनी मुसाफरीनुं वर्णन कई पुस्तकमां करवामां आव्युं छे?
61
{ "answer_start": [ 202 ], "text": [ "जात्री" ] }
14 जुलाई 1927ना रोज टागोर अने तेमना केटलाक साथीओए चार महिनानी अग्नि एशियानी मुलाकात शरू करी जेमा तेमणे बाली, जावा, कुआलालुम्पूर, मलाक्का, पेनांग, सियाम, अने सिंगापूरनी मुलाकात लीधी हती. टागोरना प्रवासो "जात्री"नामना पूस्तकमां वर्णवामां आव्या छे. . 1930ना आरंभना काळमां एक वर्ष लांबी युरोप अने अमेरिकानी मुलाकात माटे बंगाळ छोड्युं हतुं. युकेमां परत फर्या बाद तेमना पेईन्टिंगने पेरीस अने लंडनमां प्रदर्शित करवामां आव्या हता जे दरमियान तेओ बर्मिंगहामना फ्रेन्डस सेटलमेन्टमां रह्या हता. त्यां टागोरे ओक्सफोर्ड युनिवर्सिटी माटे हिबर्ट प्रवचनो लख्या हता. ( जेमां व्यकितना आत्मानी अने भगवाननी वात हती. ) तेमणे लंडनना वार्षिक क्वेकर संमेलनने पण संबोधन कर्युं हतुं. त्यां ( ब्रिटिश अने भारत वच्चेना संबंधो पर बोल्या हता जे बे वर्ष सुधी चर्चा चाली हती. ), टागोरे "उंडी दूरनी खीण" अंगे प्रवचन आप्युं हतुं. तेमणे डार्टिन्गटन होल खाते रहेता आगा खान त्रीजानी मुलाकात लीधी हती. तेमणे डेनमार्क, स्वीट्झलेन्ड, अने जर्मनीनी 1930ना मध्य दरमियान जून अने सप्टेम्बर महिनामां मुलाकात लीधी आ बाद सोवियेट युनियननी मुलाकाते गया. अने छेल्ले एप्रिल 1932मां, पर्शियन रहस्यमयवादी हाफिझना लखाणोना प्रशंसक हता. तेवा टागोर ईरानना शाह रझा शाह पहेलवीना अंगत आमंत्रणने ध्यानमां राखीने ईराननी मुलाकात लीधी.
टागोरे केना व्यक्तिगत आमंत्रण पर ईराननी मुलाकात लीधी हती?
62
{ "answer_start": [ 1092 ], "text": [ "रझा शाह पहेलवीना" ] }
14 जुलाई 1927ना रोज टागोर अने तेमना केटलाक साथीओए चार महिनानी अग्नि एशियानी मुलाकात शरू करी जेमा तेमणे बाली, जावा, कुआलालुम्पूर, मलाक्का, पेनांग, सियाम, अने सिंगापूरनी मुलाकात लीधी हती. टागोरना प्रवासो "जात्री"नामना पूस्तकमां वर्णवामां आव्या छे. . 1930ना आरंभना काळमां एक वर्ष लांबी युरोप अने अमेरिकानी मुलाकात माटे बंगाळ छोड्युं हतुं. युकेमां परत फर्या बाद तेमना पेईन्टिंगने पेरीस अने लंडनमां प्रदर्शित करवामां आव्या हता जे दरमियान तेओ बर्मिंगहामना फ्रेन्डस सेटलमेन्टमां रह्या हता. त्यां टागोरे ओक्सफोर्ड युनिवर्सिटी माटे हिबर्ट प्रवचनो लख्या हता. ( जेमां व्यकितना आत्मानी अने भगवाननी वात हती. ) तेमणे लंडनना वार्षिक क्वेकर संमेलनने पण संबोधन कर्युं हतुं. त्यां ( ब्रिटिश अने भारत वच्चेना संबंधो पर बोल्या हता जे बे वर्ष सुधी चर्चा चाली हती. ), टागोरे "उंडी दूरनी खीण" अंगे प्रवचन आप्युं हतुं. तेमणे डार्टिन्गटन होल खाते रहेता आगा खान त्रीजानी मुलाकात लीधी हती. तेमणे डेनमार्क, स्वीट्झलेन्ड, अने जर्मनीनी 1930ना मध्य दरमियान जून अने सप्टेम्बर महिनामां मुलाकात लीधी आ बाद सोवियेट युनियननी मुलाकाते गया. अने छेल्ले एप्रिल 1932मां, पर्शियन रहस्यमयवादी हाफिझना लखाणोना प्रशंसक हता. तेवा टागोर ईरानना शाह रझा शाह पहेलवीना अंगत आमंत्रणने ध्यानमां राखीने ईराननी मुलाकात लीधी.
टागोर अने तेमना केटलाक सहयोगीओए फायर एशियानो केटला महिनानो प्रवास शरू कर्यो हतो?
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{ "answer_start": [ 50 ], "text": [ "चार" ] }
14 जुलाई 1927ना रोज टागोर अने तेमना केटलाक साथीओए चार महिनानी अग्नि एशियानी मुलाकात शरू करी जेमा तेमणे बाली, जावा, कुआलालुम्पूर, मलाक्का, पेनांग, सियाम, अने सिंगापूरनी मुलाकात लीधी हती. टागोरना प्रवासो "जात्री"नामना पूस्तकमां वर्णवामां आव्या छे. . 1930ना आरंभना काळमां एक वर्ष लांबी युरोप अने अमेरिकानी मुलाकात माटे बंगाळ छोड्युं हतुं. युकेमां परत फर्या बाद तेमना पेईन्टिंगने पेरीस अने लंडनमां प्रदर्शित करवामां आव्या हता जे दरमियान तेओ बर्मिंगहामना फ्रेन्डस सेटलमेन्टमां रह्या हता. त्यां टागोरे ओक्सफोर्ड युनिवर्सिटी माटे हिबर्ट प्रवचनो लख्या हता. ( जेमां व्यकितना आत्मानी अने भगवाननी वात हती. ) तेमणे लंडनना वार्षिक क्वेकर संमेलनने पण संबोधन कर्युं हतुं. त्यां ( ब्रिटिश अने भारत वच्चेना संबंधो पर बोल्या हता जे बे वर्ष सुधी चर्चा चाली हती. ), टागोरे "उंडी दूरनी खीण" अंगे प्रवचन आप्युं हतुं. तेमणे डार्टिन्गटन होल खाते रहेता आगा खान त्रीजानी मुलाकात लीधी हती. तेमणे डेनमार्क, स्वीट्झलेन्ड, अने जर्मनीनी 1930ना मध्य दरमियान जून अने सप्टेम्बर महिनामां मुलाकात लीधी आ बाद सोवियेट युनियननी मुलाकाते गया. अने छेल्ले एप्रिल 1932मां, पर्शियन रहस्यमयवादी हाफिझना लखाणोना प्रशंसक हता. तेवा टागोर ईरानना शाह रझा शाह पहेलवीना अंगत आमंत्रणने ध्यानमां राखीने ईराननी मुलाकात लीधी.
टागोरे ओक्सफोर्ड युनिवर्सिटी माटे हिबर्ट लेक्चर्स लख्या ते केना विशे हतुं?
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{ "answer_start": [ 553 ], "text": [ "व्यकितना आत्मानी अने भगवाननी वात" ] }
14 जुलाई 1927ना रोज टागोर अने तेमना केटलाक साथीओए चार महिनानी अग्नि एशियानी मुलाकात शरू करी जेमा तेमणे बाली, जावा, कुआलालुम्पूर, मलाक्का, पेनांग, सियाम, अने सिंगापूरनी मुलाकात लीधी हती. टागोरना प्रवासो "जात्री"नामना पूस्तकमां वर्णवामां आव्या छे. . 1930ना आरंभना काळमां एक वर्ष लांबी युरोप अने अमेरिकानी मुलाकात माटे बंगाळ छोड्युं हतुं. युकेमां परत फर्या बाद तेमना पेईन्टिंगने पेरीस अने लंडनमां प्रदर्शित करवामां आव्या हता जे दरमियान तेओ बर्मिंगहामना फ्रेन्डस सेटलमेन्टमां रह्या हता. त्यां टागोरे ओक्सफोर्ड युनिवर्सिटी माटे हिबर्ट प्रवचनो लख्या हता. ( जेमां व्यकितना आत्मानी अने भगवाननी वात हती. ) तेमणे लंडनना वार्षिक क्वेकर संमेलनने पण संबोधन कर्युं हतुं. त्यां ( ब्रिटिश अने भारत वच्चेना संबंधो पर बोल्या हता जे बे वर्ष सुधी चर्चा चाली हती. ), टागोरे "उंडी दूरनी खीण" अंगे प्रवचन आप्युं हतुं. तेमणे डार्टिन्गटन होल खाते रहेता आगा खान त्रीजानी मुलाकात लीधी हती. तेमणे डेनमार्क, स्वीट्झलेन्ड, अने जर्मनीनी 1930ना मध्य दरमियान जून अने सप्टेम्बर महिनामां मुलाकात लीधी आ बाद सोवियेट युनियननी मुलाकाते गया. अने छेल्ले एप्रिल 1932मां, पर्शियन रहस्यमयवादी हाफिझना लखाणोना प्रशंसक हता. तेवा टागोर ईरानना शाह रझा शाह पहेलवीना अंगत आमंत्रणने ध्यानमां राखीने ईराननी मुलाकात लीधी.
रविन्द्रनाथ टागोर तेमनी व्यापक मुसाफरीने कारणे कोने मळी शक्या?
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{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
1707मां सम्राट औरंगझेबना मृत्यु बाद, आ साम्राज्य अवगतिमां सरी पड्युं. बहादुरशाह पहेलाथी शरू करीने, मुघल सम्राटोनी सत्ता क्षीण थती गई अने तेओ शोभाना गांठिया जेवा बनी गया, प्रारंभमां परचुरण दरबारीओना चींध्ये अने बादमां विविध उभरी रहेला लश्करी सरदारो तेमना उपर अंकुश धरावता हता. 18मी सदीमां, पर्शियाना नादिर शाह अने अफघानिस्तानना अहमद शाह अब्दाली जेवा हुमलाखोरोनी लूंटफाटनो आ साम्राज्यने भोगववी पडी, तेमणे वारंवार मुघल साम्राज्यनी राजधानी दिल्ही उपर हुमलो कर्यो. साम्राज्यनी भारतीय सीमानो मोटाभागनो हिस्सो मराठाओ पासे चाल्यो गयो हतो, जेमणे दिल्ही उपर क्रमण करीने एक वखतना शक्तिशाळी अने महान साम्राज्यने एक शहेर पूरतुं सीमित राखी दीधुं हतुं, त्यारबाद आ शहेर ब्रिटिशना हाथमां चाल्युं गयुं. अन्य पडकारोमां शीख साम्राज्य अने हैदराबाद निझामनो समावेश थतो हतो. 1804मां, अंध अने शक्तिविहीन शाह आलम बीजाए ब्रिटिश इस्ट इन्डिया कंपनीना रक्षणनो औपचारिक स्वीकार कर्यो. ब्रिटिशे पहेलेथी ज आ नबळां सम्राटनो “भारतना सम्राट”नी बदले “दिल्हीना राजा” तरीके उल्लेख करवानुं शरू करी दीधुं हतुं. एक समयना भव्य अने जोरावर मुगल सैन्यने 1805मां ब्रिटिशरोए विखेरी नाख्युं; मात्र लाल किल्लाना चोकियातोने दिल्हीना राजानी चाकरी माटे फाळववामां आव्या. भारतीय राजानी सर्वोपरिता ब्रिटिशथी वधु हती एवी प्रतिकूळ परिस्थितिनी ब्रिटिशरोए अवगणना करी हती. आटलुं ज नहीं, त्यारपछीना केटलाक दशक सुधी, बीइआइसी (BEIC) (ब्रिटिश इस्ट इन्डिया कंपनी)ए सम्राटना सामान्य सेवक तरीके अने तेना नामे सम्राटना नियंत्रण हेठळना विस्तारोमां शासन करवानुं चालु राख्युं.
अंग्रेजोए शाह आलम बीजाने "भारतना सम्राट" ने बदले शेना तरीके उल्लेख करवानुं शरू करी दीधुं हतुं?
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{ "answer_start": [ 907 ], "text": [ "दिल्हीना राजा" ] }
1707मां सम्राट औरंगझेबना मृत्यु बाद, आ साम्राज्य अवगतिमां सरी पड्युं. बहादुरशाह पहेलाथी शरू करीने, मुघल सम्राटोनी सत्ता क्षीण थती गई अने तेओ शोभाना गांठिया जेवा बनी गया, प्रारंभमां परचुरण दरबारीओना चींध्ये अने बादमां विविध उभरी रहेला लश्करी सरदारो तेमना उपर अंकुश धरावता हता. 18मी सदीमां, पर्शियाना नादिर शाह अने अफघानिस्तानना अहमद शाह अब्दाली जेवा हुमलाखोरोनी लूंटफाटनो आ साम्राज्यने भोगववी पडी, तेमणे वारंवार मुघल साम्राज्यनी राजधानी दिल्ही उपर हुमलो कर्यो. साम्राज्यनी भारतीय सीमानो मोटाभागनो हिस्सो मराठाओ पासे चाल्यो गयो हतो, जेमणे दिल्ही उपर क्रमण करीने एक वखतना शक्तिशाळी अने महान साम्राज्यने एक शहेर पूरतुं सीमित राखी दीधुं हतुं, त्यारबाद आ शहेर ब्रिटिशना हाथमां चाल्युं गयुं. अन्य पडकारोमां शीख साम्राज्य अने हैदराबाद निझामनो समावेश थतो हतो. 1804मां, अंध अने शक्तिविहीन शाह आलम बीजाए ब्रिटिश इस्ट इन्डिया कंपनीना रक्षणनो औपचारिक स्वीकार कर्यो. ब्रिटिशे पहेलेथी ज आ नबळां सम्राटनो “भारतना सम्राट”नी बदले “दिल्हीना राजा” तरीके उल्लेख करवानुं शरू करी दीधुं हतुं. एक समयना भव्य अने जोरावर मुगल सैन्यने 1805मां ब्रिटिशरोए विखेरी नाख्युं; मात्र लाल किल्लाना चोकियातोने दिल्हीना राजानी चाकरी माटे फाळववामां आव्या. भारतीय राजानी सर्वोपरिता ब्रिटिशथी वधु हती एवी प्रतिकूळ परिस्थितिनी ब्रिटिशरोए अवगणना करी हती. आटलुं ज नहीं, त्यारपछीना केटलाक दशक सुधी, बीइआइसी (BEIC) (ब्रिटिश इस्ट इन्डिया कंपनी)ए सम्राटना सामान्य सेवक तरीके अने तेना नामे सम्राटना नियंत्रण हेठळना विस्तारोमां शासन करवानुं चालु राख्युं.
कोण शाह आलमना वंशज हता?
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{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
1707मां सम्राट औरंगझेबना मृत्यु बाद, आ साम्राज्य अवगतिमां सरी पड्युं. बहादुरशाह पहेलाथी शरू करीने, मुघल सम्राटोनी सत्ता क्षीण थती गई अने तेओ शोभाना गांठिया जेवा बनी गया, प्रारंभमां परचुरण दरबारीओना चींध्ये अने बादमां विविध उभरी रहेला लश्करी सरदारो तेमना उपर अंकुश धरावता हता. 18मी सदीमां, पर्शियाना नादिर शाह अने अफघानिस्तानना अहमद शाह अब्दाली जेवा हुमलाखोरोनी लूंटफाटनो आ साम्राज्यने भोगववी पडी, तेमणे वारंवार मुघल साम्राज्यनी राजधानी दिल्ही उपर हुमलो कर्यो. साम्राज्यनी भारतीय सीमानो मोटाभागनो हिस्सो मराठाओ पासे चाल्यो गयो हतो, जेमणे दिल्ही उपर क्रमण करीने एक वखतना शक्तिशाळी अने महान साम्राज्यने एक शहेर पूरतुं सीमित राखी दीधुं हतुं, त्यारबाद आ शहेर ब्रिटिशना हाथमां चाल्युं गयुं. अन्य पडकारोमां शीख साम्राज्य अने हैदराबाद निझामनो समावेश थतो हतो. 1804मां, अंध अने शक्तिविहीन शाह आलम बीजाए ब्रिटिश इस्ट इन्डिया कंपनीना रक्षणनो औपचारिक स्वीकार कर्यो. ब्रिटिशे पहेलेथी ज आ नबळां सम्राटनो “भारतना सम्राट”नी बदले “दिल्हीना राजा” तरीके उल्लेख करवानुं शरू करी दीधुं हतुं. एक समयना भव्य अने जोरावर मुगल सैन्यने 1805मां ब्रिटिशरोए विखेरी नाख्युं; मात्र लाल किल्लाना चोकियातोने दिल्हीना राजानी चाकरी माटे फाळववामां आव्या. भारतीय राजानी सर्वोपरिता ब्रिटिशथी वधु हती एवी प्रतिकूळ परिस्थितिनी ब्रिटिशरोए अवगणना करी हती. आटलुं ज नहीं, त्यारपछीना केटलाक दशक सुधी, बीइआइसी (BEIC) (ब्रिटिश इस्ट इन्डिया कंपनी)ए सम्राटना सामान्य सेवक तरीके अने तेना नामे सम्राटना नियंत्रण हेठळना विस्तारोमां शासन करवानुं चालु राख्युं.
BEIC नुं पूरुं नाम शुं छे?
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{ "answer_start": [ 788 ], "text": [ "ब्रिटिश इस्ट इन्डिया कंपनी" ] }
1707मां सम्राट औरंगझेबना मृत्यु बाद, आ साम्राज्य अवगतिमां सरी पड्युं. बहादुरशाह पहेलाथी शरू करीने, मुघल सम्राटोनी सत्ता क्षीण थती गई अने तेओ शोभाना गांठिया जेवा बनी गया, प्रारंभमां परचुरण दरबारीओना चींध्ये अने बादमां विविध उभरी रहेला लश्करी सरदारो तेमना उपर अंकुश धरावता हता. 18मी सदीमां, पर्शियाना नादिर शाह अने अफघानिस्तानना अहमद शाह अब्दाली जेवा हुमलाखोरोनी लूंटफाटनो आ साम्राज्यने भोगववी पडी, तेमणे वारंवार मुघल साम्राज्यनी राजधानी दिल्ही उपर हुमलो कर्यो. साम्राज्यनी भारतीय सीमानो मोटाभागनो हिस्सो मराठाओ पासे चाल्यो गयो हतो, जेमणे दिल्ही उपर क्रमण करीने एक वखतना शक्तिशाळी अने महान साम्राज्यने एक शहेर पूरतुं सीमित राखी दीधुं हतुं, त्यारबाद आ शहेर ब्रिटिशना हाथमां चाल्युं गयुं. अन्य पडकारोमां शीख साम्राज्य अने हैदराबाद निझामनो समावेश थतो हतो. 1804मां, अंध अने शक्तिविहीन शाह आलम बीजाए ब्रिटिश इस्ट इन्डिया कंपनीना रक्षणनो औपचारिक स्वीकार कर्यो. ब्रिटिशे पहेलेथी ज आ नबळां सम्राटनो “भारतना सम्राट”नी बदले “दिल्हीना राजा” तरीके उल्लेख करवानुं शरू करी दीधुं हतुं. एक समयना भव्य अने जोरावर मुगल सैन्यने 1805मां ब्रिटिशरोए विखेरी नाख्युं; मात्र लाल किल्लाना चोकियातोने दिल्हीना राजानी चाकरी माटे फाळववामां आव्या. भारतीय राजानी सर्वोपरिता ब्रिटिशथी वधु हती एवी प्रतिकूळ परिस्थितिनी ब्रिटिशरोए अवगणना करी हती. आटलुं ज नहीं, त्यारपछीना केटलाक दशक सुधी, बीइआइसी (BEIC) (ब्रिटिश इस्ट इन्डिया कंपनी)ए सम्राटना सामान्य सेवक तरीके अने तेना नामे सम्राटना नियंत्रण हेठळना विस्तारोमां शासन करवानुं चालु राख्युं.
कोणे मुघल साम्राज्यनी राजधानी दिल्ही पर वारंवार हुमलो कर्यो हतो?
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{ "answer_start": [ 347 ], "text": [ "हुमलाखोरो" ] }
1707मां सम्राट औरंगझेबना मृत्यु बाद, आ साम्राज्य अवगतिमां सरी पड्युं. बहादुरशाह पहेलाथी शरू करीने, मुघल सम्राटोनी सत्ता क्षीण थती गई अने तेओ शोभाना गांठिया जेवा बनी गया, प्रारंभमां परचुरण दरबारीओना चींध्ये अने बादमां विविध उभरी रहेला लश्करी सरदारो तेमना उपर अंकुश धरावता हता. 18मी सदीमां, पर्शियाना नादिर शाह अने अफघानिस्तानना अहमद शाह अब्दाली जेवा हुमलाखोरोनी लूंटफाटनो आ साम्राज्यने भोगववी पडी, तेमणे वारंवार मुघल साम्राज्यनी राजधानी दिल्ही उपर हुमलो कर्यो. साम्राज्यनी भारतीय सीमानो मोटाभागनो हिस्सो मराठाओ पासे चाल्यो गयो हतो, जेमणे दिल्ही उपर क्रमण करीने एक वखतना शक्तिशाळी अने महान साम्राज्यने एक शहेर पूरतुं सीमित राखी दीधुं हतुं, त्यारबाद आ शहेर ब्रिटिशना हाथमां चाल्युं गयुं. अन्य पडकारोमां शीख साम्राज्य अने हैदराबाद निझामनो समावेश थतो हतो. 1804मां, अंध अने शक्तिविहीन शाह आलम बीजाए ब्रिटिश इस्ट इन्डिया कंपनीना रक्षणनो औपचारिक स्वीकार कर्यो. ब्रिटिशे पहेलेथी ज आ नबळां सम्राटनो “भारतना सम्राट”नी बदले “दिल्हीना राजा” तरीके उल्लेख करवानुं शरू करी दीधुं हतुं. एक समयना भव्य अने जोरावर मुगल सैन्यने 1805मां ब्रिटिशरोए विखेरी नाख्युं; मात्र लाल किल्लाना चोकियातोने दिल्हीना राजानी चाकरी माटे फाळववामां आव्या. भारतीय राजानी सर्वोपरिता ब्रिटिशथी वधु हती एवी प्रतिकूळ परिस्थितिनी ब्रिटिशरोए अवगणना करी हती. आटलुं ज नहीं, त्यारपछीना केटलाक दशक सुधी, बीइआइसी (BEIC) (ब्रिटिश इस्ट इन्डिया कंपनी)ए सम्राटना सामान्य सेवक तरीके अने तेना नामे सम्राटना नियंत्रण हेठळना विस्तारोमां शासन करवानुं चालु राख्युं.
साम्राज्यनो मोटाभागनो भारतीय प्रदेश कोने आपवामां आव्यो हतो?
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{ "answer_start": [ 500 ], "text": [ "मराठाओ" ] }
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